6 महीने में नैनीताल का मास्टर प्लान तैयार करे सरकार, नैनी झील-सूखा ताल का संरक्षण किया जाएः हाईकोर्ट

नैनीताल हाईकोर्ट ने नैनीताल की इकोलॉजी के हित में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. आज पारित आदेश में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एक्सपर्ट बॉडीज़ से भी सलाह लेने के निर्देश दिए हैं ताकि नैनीताल की पारस्थितिकी को बिगड़ने से बचाया जा सके, इसके पुराने स्वरूप को वापस हासिल किया जा सके और अनियोजित निर्माण के कारण जो गड़बड़ियां हो रही हैं, उन पर रोक लगाई जा सके. हाईकोर्ट ने सरकार को 6 महीने के भीतर नैनीताल का मास्टर प्लान तैयार करने का आदेश पारित किया है. हाईकोर्ट ने सूखाताल झील से अवैध निर्माण को हटाने के साथ ही नैनीझील और सूखाताल झील के संरक्षण का भी आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा है कि केन्द्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय की समिति नैनीताल को ईको सेंसिटिव ज़ोन घोषित करने पर फ़ैसला करे.
विस्तृत आदेश में कोर्ट ने कहा कि नैनीताल में नो पार्किंग ज़ोन में वाहनों खड़े किए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए. ज़िला प्रशासन हर पर्यटन सीज़न से पहले यातायात प्लान तैयार करे और आईआईटी दिल्ली से पार्किंग के लिए सुझाव ले.

कोर्ट ने आपदा सचिव को कहा है कि निर्माण योजना को लेकर सरकार को राय दें. सूखाताल झील से अवैध निर्माण हटाने के लिए कुमाऊं कमिश्नर, नैनीताल के ज़िलाधिकारी और जिला विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए गए.
कोर्ट ने याचिका के निस्तारण के साथ कुछ सुझाव भी दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि नैनीताल पर ट्रैफ़िक का दबाव कम करने के लिए सैटेलाइट पार्किंग का निर्माण किया जा सकता है. भारी वाहनों पर भी रोक लगाई जा सकती है. इसके साथ ही 20 से 25 सीटर वाहनों को ही भवाली, काठगोदाम, कालाढूंगी नैनीताल भेजना चाहिए.

कोर्ट ने मालरोड को सर्दियों में 6 से 8 बजे तक और गर्मियों में 6 से 9 बजे तक बंद रखने का भी सुझाव दिया. इसके अलावा कोर्ट ने नई टैक्सियों को नैनीताल के परमिट न देने के आदेश से भी छूट दे दी.

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