विकास पर पैसे खर्च करने में विधायक व विधान पार्षद सुस्त

राज्य में विधान पार्षद (एमएलसी) और विधायक (एमएलए) को अपने-अपने क्षेत्र में विकासात्मक योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक वर्ष तीन करोड़ रुपये दिये जाते हैं. यह राशि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना (सीएमएलएडी फंड) के तहत खर्च होती है. परंतु चालू वित्तीय वर्ष में इस राशि को खर्च करने में विधायक अब तक सुस्त पाये गये. 
कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने कहा- 'अहंकार' छोड़ें RJD, बिहार में BJP को माना मजबूत पार्टी
वित्तीय वर्ष में करीब छह महीने समाप्त होने को हैं, लेकिन अब तक महज एक विधायक और 24 एमएलसी ने ही अलग-अलग योजनाओं में राशि खर्च करने की अनुशंसा सरकार को भेजी है. एमएलसी का क्षेत्र विधायक की तुलना में बड़ा और कई जिलों से जुड़े होते हैं. लिहाजा इन्हें अपनी राशि खर्च करने की अनुशंसा करने से पहले क्षेत्र का निर्धारण करना होता है. परंतु बाकी बचे हुए 51 विधान पार्षदों ने अब  तक अपने क्षेत्र का निर्धारण नहीं किया है. सरकार की तरफ से इस मद में 243 विधायक और 75 एमएलसी के लिए तीन करोड़ सालाना के हिसाब से 954 करोड़ रुपये आवंटित हैं. जैसे-जैसे माननीयों की अनुशंसा प्राप्त होगी, इसकी राशि खर्च होती जायेगी.

More videos

See All