दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी महीने के शुरुआत में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त करने का ऐलान किया था, जबकि 201 से 401 यूनिट तक बिजली के इस्तेमाल पर भी सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी की बात कही थी. केजरीवाल सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि ''केजरीवाल सरकार द्वारा, 8532 करोड़ रुपए निजी कंपनियों को दिए गए. अगर यही पैसे लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे डीबीटी स्कीम के तहत डाले जाएं तो 200 नहीं 400 यूनिट तक बिजली फ्री मिलेगी.''
अजय माकन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दिल्ली में बिजली से जुड़े मसले पर ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट किया, ''केजरीवाल सरकार ने बिजली कंपनियों को सब्सिडी का पैसा देने के बजाय उपभोक्ताओं को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत नकद राशि उनके बैंक खातों में जमा कराई. केजरीवाल सरकार द्वारा, 8532 करोड़ रुपए निजी कंपनियों को दिए गए. अगर यही पैसे लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे डीबीटी स्कीम के तहत डाले जाएं तो 200 नहीं 400 यूनिट तक बिजली फ्री मिलेगी.''
असम के 'एनआरसी' के बारे में कितना जानते हैं आप?बता दें कि केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल कर रहे दिल्ली के उपभोक्ताओं को पूरी सब्सिडी देगी. उन्होंने बताया था कि 201 से 401 यूनिट तक बिजली के इस्तेमाल पर भी सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी देती रहेगी. केजरीवाल ने कहा था कि इससे बिजली में बिजली की बचत को बढ़ावा मिलेगा. 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों को कल तक 622 रुपये देने पड़ते थे, अब हो मुफ्त मिलेगी.
इसके अलावा उन्होंने बताया था कि 15 से 25 किलोवाट तक के लिए शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया. यह पूर्ववत 200 रुपये किलोवाट लगेगा. बिजली के रेट में मामूली बदलाव किया गया. 1200 यूनिट से अधिक विद्युत खपत पर प्रति यूनिट रेट 8 रुपये हो गया है जो कि अब तक 7.75 रुपये प्रति यूनिट था. इस बदलाव से दिल्ली के 64000 ग्राहकों पर असर पड़ेगा.