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झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, विस नियुक्ति मामले में क्या हुई कार्रवाई

हाइकोर्ट के जज डॉ एसएन पाठक की अदालत में गुरुवार को विधानसभा में प्रतिवेदक के पद पर हुई नियुक्ति काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार से पूछा कि विधानसभा में हुई नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच के लिए जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच अायोग बनायी गयी थी़. आयोग ने जांच रिपोर्ट दे दी है. इसके बाद सरकार ने अब तक क्या कार्रवाई की है. अदालत ने की गयी कार्रवाई से अवगत कराते हुए शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दायर करने का निर्देश दिया़  अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद होगी. 
इससे पूर्व प्राथी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने बावजूद सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है. मामले को दबाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि  प्राथी प्रीतम आनंद ने रिट याचिका दायर कर प्रतिवेदक के पद पर नियुक्ति की मांग की है. प्राथी ने वर्ष 2006 में भी याचिका दायर की थी़. 
वह मामला निष्पादित हो गया था. कोर्ट ने कहा था कि चूंकि इस मामले में जनहित याचिका लंबित है व जांच आयोग मामले की जांच कर रहा है, इसे देखते मामला निष्पादित किया जाता है.
 
नामधारी ने 274 और आलमगीर ने 324 अवैध नियुक्ति की
 
पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी के कार्यकाल में 274 लोगों की नियुक्ति हुई़  इसमें कानून को ताक पर रख कर नियुक्ति की गयी़  नियुक्ति नियमावली का उल्लंघन हुआ़  70 से ज्यादा अनुसेवक पलामू से बहाल कर लिये गये़  स्पीकर आलमगीर आलम ने 324 नियुक्तियां की़  इसमें नेताओं के करीबियों को बहाल करने का मामला सामने आया़  रसूखदार लोग शामिल किये गये़  अवैध नियुक्तियों की जांच न्यायमूर्ति विक्रमादित्य आयोग ने की़ 
 
भोक्ता ने गलत तरीके से 150 लोगों को प्रोन्नत किया
 
स्पीकर रहे शशांक शेखर भोक्ता ने गलत तरीके से 150 सहायक को प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नत कर दिया़   इस मामले की भी जांच हुई़ 
- विक्रमादित्य ने तीन स्पीकर सहित विधानसभा के अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है़ 
- विधानसभा ने पिछले दिनों दो संयुक्त सचिव को कार्रवाई करते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी़

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