दिल्ली सरकार ने सभी विभागों को दिया हिंदी अनिवार्य करने का आदेश

 
दिल्ली सरकार ने अपने सभी विभागों और एजेंसियों से रोजमर्रा के कामकाज में हिंदी को प्राथमिकता देने का आदेश जारी किया है। इसके अलावा पंजाबी और उर्दू में आने वाले संदेशों का जवाब भी उसी भाषा में दिए जाने का आदेश दिया गया है। सभी विभागों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट को हिंदी में तैयार करने को कहा गया है। पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार के आर्ट, कल्चर ऐंड लैंग्वेज डिपार्टमेंट ने सर्कुलर जारी कर हिंदी, पंजाबी और उर्दू की उपेक्षा किए जाने को लेकर आपत्ति जताई थी। 

यही नहीं आर्ट्स, कल्चर ऐंड लैंग्वेज डिपार्टमेंट ने म्युनिसिपल कॉर्पोपेशंस, हाई कोर्ट, डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन कोर्ट्स, स्थानीय और ट्रैफिक पुलिस से अपने कामकाज में हिंदी के इस्तेमाल की अपील की थी। विभाग ने कहा कि अदालत एवं अन्य संगठनों को फाइल नोटिंग और कॉमेंट्स और हिंदी को आधिकारिक भाषा के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

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आर्ट्स, कल्चर ऐंड लैग्वैज डिपार्टमेंट के डेप्युटी सेक्रटरी ने अपने सर्कुलर में कहा, 'दिल्ली सरकार का 80 पर्सेंट स्टाफ हिंदी बोलने और लिखने में सक्षम है। विभाग को उम्मीद है कि वे किसी कॉम्युनिकेशन के दौरान या फाइल नोटिंग्स में हिंदी का ही इस्तेमाल करेंगे। हालांकि मौजूदा स्थिति इसके बिलकुल उलट है।' 

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