हिमाचल में पूर्व सैनिकों के कोटे में 3264 पद खाली, 15% हिसाब से होगी भर्ती

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के आठवें दिन सदन की कार्यवाही शान्तिपूर्ण ढंग से चली. प्रश्नकाल के बाद विधि एंव शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मंगलवार को सदन में लाए 20 साल पुराने कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव सदन में रखा और इसे पारित करने का आग्रह किया.

भाजपा विधायक ने पूछा सवाल
प्रश्नकाल के दौरान पूर्व सैनिकों की रिक्तियों का मुद्दा उठा. सरकाघाट से भाजपा विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने सरकार से सदन में जवाब मांगा. इस पर सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि 2019 तक विभिन्न विभागों में पू्र्व सैनिक कोटे से 4265 पद रिक्त थे. इनमें से 619 स्थाई और 382 पद अस्थाई अब तक भरे गए हैं. उन्होंने कहा कि 15 फीसदी कोटा पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित है और विभिन्न विभागों में 15% के हिसाब से भर्ती होगी.

ये बोले कानून मंत्री
विधि मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन को बताया कि पुराने कानूनों की जगह नए कानून बने हैं. ऐसे में समय के अनुसार इन कानूनों का औचित्य खत्म हो चुका है. इसलिए में इन कानूनों को निरस्त करने की जरूरत है. विधि मंत्री सुरेश भारद्वाज के प्रस्ताव पर विपक्ष ने चर्चा मांगी, लेकिन चर्चा की अनुमति न मिलने से सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई. विपक्ष के सदस्यों का आरोप था कि बिना चर्चा कराए कानूनों को निरस्त करना गलत होगा.

बिना चर्चा पारित करना गलत
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू, आशा कुमारी और माकपा के सदस्य राकेश सिंघा ने कहा कि बिना चर्चा किए आंख बंद करके प्रस्ताव पारित करना प्रदेश हित में नहीं होगा. विपक्षी सदस्यों ने सरकार के इस रवैये पर कड़ा एतराज जताया और कहा कि प्रस्ताव पारित करने से पहले चयन कमेटी को भेजा जाए. आखिर सरकार को प्रस्ताव पारित करने और पुराने कानूनों को निरस्त करने की जल्दबाजी क्यों है? सत्तापक्ष ने विपक्ष के सदस्यों की सहमति और चर्चा के बगैर 20 पुराने कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित कर दिया. 20 पुराने कानूनों को निरस्त करने वाला प्रस्ताव सत्तापक्ष की हां और विपक्ष की ना के बीच पारित किया गया.
निरस्त किए गए पुराने कानून 
1934 का पंजाब स्मॉल टाउन अधिनियम, जो टैक्स से सबंधित था,1950 का द पंजाब न्यू टाउनशिप (र्स्ट्रीट लाइटिंग एडं वॉटर सप्लाई), 1965 का पंजाब टाउन इंप्रूवमेंट एक्ट, 1969 हिमाचल पशुधन और पक्षी रोग अधिनियम, 1969 का हिमाचल प्रदेश भूमि विकास अधिनियम, 1972 का हिमाचल प्रदेश ट्रैक्टर खेती अधिनियम, प्रभारों की वसूली संबधित कानून के अलावा, कुल 20 पुराने अधिनियमों को विधेयक पारित करवा कर निरस्त किया गया.

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