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UP को मिलेगा नया मुख्य सचिव या अनूप चंद्र पांडेय को मिलेगा एक्सटेंशन?

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्य सचिव (Chief Secretary) अनूप चंद्र पांडेय 6 महीने का सेवा विस्तार लेने के बाद 31 अगस्त 2019 को रिटायर हो रहे हैं. 28 फरवरी को अनूपचंद्र पांडेय को रिटायर होना था लेकिन सरकार ने 6 महीने का सेवा विस्तार दिया था. अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या एक बार फिर आईएएस अनूपचंद्र पांडेय को एक्सटेंशन मिलेगा या फिर कोई और होगा मुख्य सचिव?

1984 बैच के अधिकारी अनूपचंद्र पांडेय को पिछले साल जून में मुख्य सचिव बनाया गया था. उनकी गिनती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अधिकारियों में होती है. पिछले साल फरवरी में सूबे में हुई इंवेस्टर्स समिट के आयोजन में अनूपचंद्र पांडेय का महत्वपूर्ण योगदान रहा. किसानों की कर्जमाफी और अन्य कई बड़ी योजनाओं को पूरा करने में भी इनका योगदान सरकार के लिए मायने रखता था. यही कारण है कि सरकार ने 6 महीने का सेवा विस्तार दिया गया था. इतना ही नहीं जब वह मुख्य सचिव बने थे, तब भी 13 आइएएस अधिकारियों को सुपरसीड कर मुख्य सचिव बने थे. उम्मीद की जा रही है कि उन्हें एक्सटेंशन भी मिल सकता है

वहीं अगर अनूपचंद्र पांडेय को सेवा विस्तार नहीं मिलता है तो दूसरे अधिकारियों को मौका मिल सकता है. ऐसे में 1984-85 बैच के कई अफसर मुख्य सचिव बनने की रेस में शामिल हैं. मुख्य सचिव की रेस में संजय अग्रवाल, दुर्गा शंकर मिश्रा और कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) आरके तिवारी का नाम काफी आगे चल रहा है. संजय अग्रवाल अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और कृषि विभाग में सचिव पद पर तैनात हैं. 1984 बैच के आईएएस अफसर संजय अग्रवाल की यूपी की ब्यूरोक्रेसी में पहचान 'ट्रबल शूटर' अधिकारी के रूप में होती है. मामला चाहे किसी भी विभाग का क्यों न हो, जब भी कोई मामला ब्यूरोक्रेसी के सामने अटका, संजय अग्रवाल ने उसे हल करने में अहम भूमिका निभाई.

मौजूदा सरकार में जब विभागों के पुनर्गठन की चर्चा शुरू हुई तो उन्हें विभागों के पुनर्गठन के लिए बनी कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. यही नहीं किसानों की कर्जमाफी योजना में भी अहम भूमिका निभाई. मौजूदा मुख्य सचिव और तत्कालीन अपर मुख्य सचिव वित्त डॉ. अनूप चन्द्र पांडेय के साथ मिलकर कर्जमाफी की योजना का खाका खींचा.

दूसरा नाम दुर्गा शंकर मिश्र का लिया जा रहा है, जो 2012 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. अभी केंद्र में हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स में सेक्रेटरी हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना में किए गए इनके कामों की काफी चर्चा रही है, साथ ही वह प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्र के करीबी भी हैं

मुख्य सचिव की रेस में 1985 बैच के अफसरों को अगर मौका मिलता है तो एपीसी राजेंद्र कुमार तिवारी सबसे बड़े दावेदार हो सकते हैं. आरके तिवारी को हाल ही में कृषि उत्पादन आयुक्त के पद पर तैनाती दी गई है.

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