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प्रदेश में और खुलेंगे 14 नए मेडिकल कॉलेज-हर दो जिलों के बीच होगा एक मेडिकल कॉलेज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की चिकित्सकीय व्यवस्था बेहतर करने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है। सात नए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो गई है। 14 और नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया गया है। 
दो साल के कार्यकाल में 15 मेडिकल कॉलेज 
मुख्यमंत्री बुधवार को नवनिर्मित सात चिकित्सा महाविद्यालयों के एमबीबीएस प्रथम बैच के छात्र-छात्राओं व संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 से 2016 तक प्रदेश में सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे थे। इनमें सिर्फ 1790 नीट उत्तीर्ण छात्र ही प्रवेश ले पाते थे। उनके दो साल के कार्यकाल में 15 नए मेडिकल कॉलेज तैयार हुए हैं। अब 2578 एमबीबीएस  की सीट हो गई है। लखनऊ में अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी खोलने के साथ ही प्रदेश में 14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। सरकार की मंशा है कि हर दो जिलों के बीच एक मेडिकल कॉलेज होगा। उन्होंने कहा कि बलरामपुर अटल जी की कर्मभूमि रही है। यहां केजीएमसी सेटेलाइट खोला जाएगा। इसके बाद मेडिकल कॉलेज संचालित करने का मसौदा तैयार किया गया है।  
प्रदेश में उच्‍चस्‍तरीय व सस्‍ती चिकित्सकीय सेवा मुहैया कराना : सुरेश कुमार 
सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने का मकसद न केवल डॉक्टर तैयार करना है, बल्कि प्रदेश के लोगों को उच्चस्तरीय व सस्ती चिकित्सकीय सेवा मुहैया कराना है। वित्त संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि यह स्वर्णिम दिन है जब सात नए चिकित्सा महाविद्यालयों में 700 छात्र पहली बार प्रवेश ले रहे हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने कहा कि प्रदेश सरकार सुश्रुत व महर्षि पतंजलि के सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बस्ती, अयोध्या व बहराइच के एमबीबीएस छात्र-छात्राएं व फैकल्टी मौजूद रहे, जबकि बदायूं, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, ग्रेटर नोएडा महाविद्यालयों में लाइव प्रसारण किया गया। कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.वसुंधरा ने किया। यहां के बाद मुख्यमंत्री मिहीपुरवा जनसभा को संबोधित करने के लिए हेलीकाप्टर से रवाना हो गए। 
 
महाराजा सुहेलदेव के नाम होगा मेडिकल कॉलेज 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी हमलावरों से बचाने के लिए महर्षि बालार्क ऋषि व महाराजा सुहेलदेव ने संघर्ष किया। अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया। इन महापुरुषों को भुलाया नहीं जा सकता है। जिला अस्पताल का नाम महर्षि बालार्क ऋषि व मेडिकल कॉलेज का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रहेगा।
 
 

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