मायावती ने बुलाई बसपा की अहम बैठक, विधानसभा उपचुनाव, भीम आर्मी को लेकर चर्चा संभव
बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती बुधवार (28 August) को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर देश भर से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, मुख्य जोन व मंडल जोन इंचार्ज के साथ बैठक करेंगी. इस अहम बैठक में संगठन के पुनर्गठन, भाईचारा कमेटियों के गठन और वर्ष के अंत तक कई राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है. बसपा के लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित दफ्तर आफिस में ये बैठक होनी है.
माना जा रहा है कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश में 13 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के साथ ही दिल्ली में रविदास मंदिर मामले में भीम आर्मी की भूमिका और चुनौती को लेकर चर्चा हो सकती है.
दरअसल पार्टी को मिले फीडबैक के अनुसार भीम आर्मी ने दिल्ली के तुगलका बाद इलाके में रविदास मंदिर के ध्वस्तीकरण के दौरान प्रदर्शन कर दलित समुदाय में विश्वास कायम किया है. इस प्रदर्शन का असर दिल्ली सहित आसपास के प्रदेशों तक रहा. इस प्रदर्शन में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
बता दें इस प्रदर्शन के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मुद्दे पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने साफ कहा था कि सरकारी कार्रवाई के विरोध में हिंसा का सहारा लेने के वो पक्ष में नहीं हैं. यही नहीं मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं को भी इस तरह के प्रदर्शन से दूर रहने की हिदायत दी थी.
दिल्ली के तुगलकाबाद में रविदास मंदिर को ढहाये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस हिंसा पर शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने लोगों को संविधान के हिसाब से चलने को कहा. उन्होंने कहा कि केन्द्र व दिल्ली सरकार से पुनः माँग है कि वे दोनों सरकारी खर्चे से सम्बंधित मन्दिर का पुनः निर्माण शीघ्र कराने के लिए बीच का कोई रास्ता अवश्य निकालें ताकि समुचित न्याय हो सके. स्मरण रहे कि यूपी में बीएसपी की सरकार ने संत रविदास जी के सम्मान में अनेकों ऐतिहासिक कार्य किए हैं.
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा कि कानून को अपने हाथ में न लिया जाए. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि महान संत रविदास जी के अपार अनुयाइयों से अपील है कि वे दिल्ली के तुगलकाबाद में गिराए गए इनके प्राचीन मन्दिर के पुनः निर्माण हेतु आक्रोशित होकर कानून को अपने हांथ में न लें. संत रविदास जी के अनुयाइयों को कानूनी व तथागत गौतम बुद्ध के मार्ग से ही चलकर अपने हितों को साधना है.