dainik jagran

सीएम के पलटवार से विपक्ष बेबस, कांग्रेस विधायकों के तेवरों की धार पड़ी कुंद

हिमाचल के हितों पर मंगलवार को सदन खूब गरमाया। विपक्ष की मंशा सरकार को घेरने की थी, लेकिन सत्ता पक्ष के आक्रामक तेवरों के आगे वह बेबस दिखा। सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर ने तल्ख तेवर अपनाए। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को उनके ही अंदाज में घेर डाला।  विधानसभा अध्यक्ष डॉ.राजीव बिंदल ने राजनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया। उन्होंने नियम 67 के नोटिस पर अनुमति के बिना भी अग्निहोत्री को बोलने का मौका दे दिया, जिससे कांग्रेस विधायकों के प्रहारों की धार कुंद पड़ गई। बेशक हंगामा हुआ, लेकिन इसके बीच जब अध्यक्ष बोले तो सदन में सन्नाटा पसर गया। ऐसा पहली बार तब हुआ जब मुकेश प्रश्नकाल से पहले ही हिमाचल की संपत्तियों को कथित तौर पर बेचने की कसरत का विरोध कर रहे थे।
उन्होंने व्यवस्था दी कि नियम 67 के तहत विधायक मुकेश, रामलाल ठाकुर, जगत सिंह नेगी ने स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी है। परसों पर्यटन पर प्राइवेट मैंबर डे के दिन चर्चा होगी। इस कारण नियम 67 के तहत चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस दौरान दोनों पक्षों में पूरी तरह से चुप्पी छा गई। जबकि
इससे पहले शोरगुल हो रहा था। हंगामा खत्म नहीं हो रहा था तो दूसरी दफा विधानसभा अध्यक्ष ने दखल दिया। उन्होंने विपक्ष के नेता को दो मिनट तक अपनी बात रखने का मौका दिया। तब भी सदन में दोनों पक्ष पूरी तरह से शांत रहे। इससे बिंदल का रणनीतिक कौशल भी देखने को मिला। बात रखने के बावजूद विपक्ष के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
हिमाचल के हित मौजूदा सरकार ने नहीं, पूर्व कांग्रेस सरकारों ने बेचे। वेबसाइट पर कैसे जानकारी अपलोड की गई, इसकी जांच मुख्य सचिव करेंगे। राजस्व नियमों में बदलाव पूर्व सरकार ने किए। हमारी सरकार पूर्व के फैसले को लागू नहीं करेगी। हिमाचली हितों पर कोई आंच नहीं आने देंगे। बेचने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
-जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री 

More videos

See All