राजस्थान में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दो विधायकों को पांच घंटे थाने में बैठना पड़ा, सीआईडी करेगी जांच

 राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलएपी) के दो विधायकों को उपखंड अधिकारी (एसडीएम) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पांच घंटे तक पुलिस थाने में बैठे रहना पड़ा। पुलिस ने दोनों विधायकों की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज करने से ही इनकार कर दिया। काफी हंगामे और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा उग्र आंदोलन की चेतावनी के बाद सोमवार देर रात बारह बजे पुलिस ने एसडीएम के खिलाफ मामला दर्ज किया। उधर, एसडीएम ने भी दोनों विधायकों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है। सरकार ने पूरे मामले की जांच सीआईडी,सीबी को सौंप दी है।
दरअसल, नागौर के ताऊसर के बंजारों की ढाणी में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए बवाल के मामले में एसडीएम दीपांशु सांगवान और आरएलपी के दो विधायकों पुखराज गर्ग व इंदिरा बावरी के बीच विवाद हो गया था।  एसडीएम अतिक्रमण हटवा रहे थे, वहीं दोनों विधायक अतिक्रमण हटाने के खिलाफ थे। अतिक्रमण हटाने के दौरान जेसीबी चालक फारूख की मौत भी हो गई। विवाद बढ़ा तो एसडीएम और मृतक फारूख के भाई शक्कूर ने दोनों विधायकों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने व हत्या का केस दर्ज कराया।
उन्होंने कहा कि दोनों विधायकों ने अतिक्रमण हटाने गए दल को रोकने के साथ ही मारपीट की, वहीं पथराव में जेसीबी चालक की मौत हो गई। उधर, विधायक पुखराज गर्ग और इंदिरा बावरी ने एसडीएम के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने, अपमानित करने और गालियां देने का मामला दर्ज कराया। काफी हंगामे के बाद दोनों विधायकों की रिपोर्ट पर एसडीएम के खिलाफ एससी,एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है। दोनों विधायकों ने नागौर कोतवाली थाने में संयुक्त रिपोर्ट दी है।

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