आपदारोधी निर्माण के लिए न्यूयॉर्क से मदद लेंगे पीएम मोदी

इंटरनेशनल सोलर अलायंस की कामयाब शुरुआत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी अब आपदा रोधी निर्माण व प्रबंधन के लिए जल्द ही एक नई वैश्विक साझेदारी मुहिम की शुरुआत करेंगे. इस नई पहली का आगाज अगले माह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के परचम तले होने वाले जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान होगा.
फ्रांस के बियारिट्ज में G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव अतोनियो गुजरेज़ के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी इस पहल पर विस्तार से बात की. विदेश सचिव विजय गोखले के मुताबकि यूएन महासचिव से चर्चा में पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से प्रभावी मुकाबले के लिए जरूरी है कि आपदा प्रबंधन पर स्वयंसेवियों का एक वृहद नेटवर्क तैयार किया जाए. साथ ही आपदा राहत और निर्माण से जुड़े पेशेवरों को भी इस पहल से जोड़ा जाए ताकि जरूरत के वक्त उसकी विशेषज्ञताओं का लाभ उठाया जा सके.
गौरतलब है कि पीएम मोदी अगले माह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा महासभा की बैठक में शरीक होने के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे. साथ ही इस दौरे में मोदी संयुक्त राष्ट्र महासचिव की अगुवाई में होने वाले जलवायु शिखर सम्मेलन में भी शरीक होंगे.
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पीएम की इस पहल की तैयारियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं के साथ अपने संवाद में यह मुद्दा उठाया हो. सत्ता की दूसरी पारी संभालने के बाद अपनी कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुलाकातों में मोदी इस मामले सहयोग के लिए विश्व नेताओं के बीच जनमत बनाने में जुटे हैं. गत जून में G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी मुलाकातों में पीएम ने इस विषय को उठाया था. वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस मामले पर भारतीय पीएम की पहल को पूरे सहयोग का वादा भी किया था.
इस नई पहल के पीछे पीएम की कोशिश आपदा प्रबंधन जैसी साझी चुनौती जहां भारत के पास मौजूद आपदा प्रबंधन व पुनर्निर्माण क्षमताओं का वैश्विक निर्यात है. प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते ग्राफ के बीच पुनर्निर्माण और इनका प्रबंधन एक संगठित कारोबारी अवसर भी साबित हो सकता है.
मोदी जहां बिम्सटेक, सार्क और एससीओ जैसे क्षेत्रीय संगठनों के स्तर पर आपदा प्रबंधन नेटवर्क की वकालत करते रहे हैं. वहीं अपनी सरकार के कार्यकाल में उन्होंने 2015 में नेपाल के भीषण भूकंप से लेकर मालदीव में जलसंकट व 2017 में श्रीलंका की भीषण बाढ़ तक भारतीय आपदा राहत पहुंचाने में खासी सक्रियता दिखाई थी.

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