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झारखंड: कांग्रेस का आदिवासी-मुस्लिम कार्ड, जानिए कौन हैं नए अध्यक्ष रामेश्वर उरांव?

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झारखंड में कांग्रेस ने आदिवासी-मुस्लिम गठजोड़ का कार्ड खेला है. प्रदेश अध्यक्ष पद पर आदिवासी चेहरे रामेश्वर उरांव की तैनाती से पार्टी से यह जाहिर होता है. इसके अलावा संतुलन साधने की कोशिश में पांच अन्य कार्यकारी अध्यक्षों की भी तैनाती की गई है. जिसमें मुस्लिम चेहरे इरफान अंसारी सहित कमलेश महतो, मानस सिन्हा, संजय पासवान, राजेश ठाकुर हैं.
इससे पहले 2015 में कांग्रेस ने पार्टी के प्रमुख मुस्लिम चेहरे आलमगीर आलम को विधायक दल का नेता बनाया था, जो आज भी पद पर हैं. साल के आखिर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दलित-मुस्लिम समीकरण कितना गुल खिलाएगी, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें टिकी हैं. झारखंड में 26 प्रतिशत से ज्यादा अनुसूचित जनजाति की आबादी है. जनजातियों की जनसंख्या के आधार पर झारखंड का देश में चौथा स्थान है. ऐसे में झारखंड की राजनीति में आदिवासियों की अहमियत का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है.
कौन हैं रामेश्वर उरांव
रामेश्वर उरांव झारखंड में कांग्रेस के प्रमुख आदिवासी चेहरे हैं. वह मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री रहे. केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमैन भी रह चुके हैं. मनमोहन सरकार में इन अहम पदों पर रहते हुए हुए रामेश्वर उरांव को आदिवासियों के लिए काम करने का मौका मिला. यही वजह है कि राज्य के संगठन में मचे घमासान के बीच उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर आदिवासियों के बीच पैठ बनाने की कोशिश में है. पार्टी सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में आदिवासी और मुस्लिमों का गठजोड़ कांग्रेस के काम आ सकता है.
यही वजह है कि झारखंड में विधानमंडल दल के नेता आलमगीर के बाद अब राज्य संगठन की कमान आदिवासी चेहरे रामेश्वर उरांव को देकर कांग्रेस ने आदिवासी-मुस्लिम समीकरण चल दिया है. रामेश्वर उरांव 2004 में लोहरदगा सीट से सांसद रहे. हालांकि 2009 और 2014 के चुनाव में वह बीजेपी के सुदर्शन भगत से हार गए थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मांगने के बावजूद रामेश्वर उरांव को टिकट नहीं दिया था.
विरोध पर अजय कुमार को देना पड़ा इस्तीफा
रामेश्वर उरांव को कांटों के बीच प्रदेश अध्यक्ष पद का ताज मिला है. वजह कि संगठन में दो धड़ों के बीच जारी तनाव के बीच रामेश्वर उरांव को अजय कुमार के पद से इस्तीफा देना पड़ा. दरअसल पार्टी के एक अन्य नेता सुबोधकांत सहाय अजय कुमार का भारी विरोध कर रहे थे. इसके लिए वह दिल्ली जाकर पार्टी हाईकमान से भी अजय कुमार की शिकायत कर चुके थे. चुनाव नजदीक होने पर भी राज्य की इकाई में मचे घमासान से पार्टी नेतृत्व चिंता में था. आखिरकार अजय कुमार ने मामले की नजाकत समझते हुए बीते दिनों इस्तीफा दिया था. जिसके बाद पार्टी नेतृत्व ने आदिवासी चेहरे रामेश्वर उरांव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला किया.

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