दो दिन के अवकाश के बाद 26 अगस्त को विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्षी कांग्रेस के निशाने पर भू राजस्व अधिनियम 1972 की धारा 35 ए खत्म करने का मामला रहेगा। इन्वेस्टर मीट के बहाने अन्य राज्यों के लोगों के लिए जमीन खरीदने का रास्ता निकालने का मुद्दा गरमाएगा।
कश्मीर पर राहुल की बात, पाक में होने लगी चर्चापूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र्र सिंह पहली बार भू-राजस्व अधिनियम की धारा-118 का मामला उठाएंगे। सरकार को जवाब देना पड़ेगा कि इसमें संशोधन करने जा रही है या इसे समाप्त करने का मन बना चुकी है। सरकार ने राज्य में निवेश का रास्ता निकालने के लिए केवल सरलीकरण किया है। इसके तहत धारा 35 ए में प्रावधान किया गया है कि जो निवेशक प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें जमीन खरीदने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उद्योग लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार की ओर से प्रदेश में 85 हजार करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य है। धारा-118 ऐसा मामला है जिसे राजनीतिक दल राज्य को बेचने
के साथ जोड़कर देखते हैं। इस सप्ताह कांग्रेस की ओर से अन्य राज्यों के लोगों को सरकारी क्षेत्र में नौकरियां देने का मामला भी उठाया जाएगा। प्लास्टिक के उपयोग, अवैध कटान और खनन से होने वाले प्रदूषण से पर्यावरण को खतरे की स्थिति पर भी चर्चा होगी।
प्रदेश में अवैध खनन की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश की महत्वाकांक्षी भानुपल्ली-लेह रेल परियोजना को लेकर भी सवाल हो सकता है। सत्ता पर काबिज होने वाले
प्रत्येक राजनीतिक दल की ओर से इस रेल परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल किया जाता है।