अशोक गहलोत सरकार इस साल लेकर आ रही है ये 8 नई नीतियां, तैयारियां जोरों पर

प्रदेश में सरकार (Government) बदलने के साथ ही कई नीतियां (policies) बदलने का ट्रेंड लंबे समय से चल रहा है. हर सरकार नई नीति लेकर आती है, लेकिन जमीनी हालात (Ground conditions) जस के तस बने हुए हैं. प्रदेश की गहलोत सरकार इस साल आठ नई नीतियां (8 new policies) लेकर आ रही हैं. इनमें कृषि और फूड प्रोसेसिंग नीति, सौर उर्जा-पवन उर्जा नीति और निवेश प्रोत्साहन नीति हर सरकार के समय से बनती आ रही हैं. राज्य की प्रत्येक सरकार ने कृषि, सौर उर्जा, पवन उर्जा, फूड प्रोसेसिंग, निवेश और उद्योग पर नई नीतियां बनाई, लेकिन इन सेक्टर्स की हालत में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया.

सभी सरकारें लाती रही हैं नीतियां
प्रदेश की सभी सरकारों के समय कृषि व फूड प्रोसेसिंग की नीति बनाई गई, लेकिन न तो खेती को उद्योग-व्यापार से जोड़ा जा सका है और न खेती को फायदे का सौदा बनाने की दिशा में कृषि नीति कारगर साबित हुई. अब सरकार फिर कृषि के लिए बहुआयामी फूड प्रोसेसिंग व निर्यात प्रोत्साहन नीति लेकर आ रही है. यही हाल निवेश प्रोत्साहन नीति का है. प्रदेश में कई बार नई उद्योग व निवेश नीति आई, लेकिन राजस्थान निवेशकों की पहली पसंद नहीं बन सका.

3 लाख करोड़ के एमओयू के बदले 25 फीसदी निवेश
निवेश के लिए किए गए रिसर्जेंट राजस्थान समिट में एमओयू तो 3 लाख करोड़ के हुए, लेकिन निवेश 25 फीसदी निवेशकों ने भी नहीं किया. सौर उर्जा और पवन उर्जा के लिए राजस्थान में अपार संभावनाएं हैं. इसके लिए भी हर बार नई नीति बनी है, लेकिन अब भी इस सेक्टर में कई खामियां हैं.

गहलोत सरकार इस साल ये 8 नई नीतियां लेकर आ रही हैं
- कृषि के लिए बहुआयामी फूड प्रोसेसिंग व निर्यात प्रोत्साहन नीति
- सौर उर्जा और पवन उर्जा नीति
- एम सैंड नीति
- बौद्धिक संपदा अधिकार नीति
- जलवायु परिवर्तन नीति
- राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति
- इलेक्ट्रिक वाहन नीति
- सिलिकोसिस नीति

वैश्विक मंदी से बचने को सरकार के कई बड़े ऐलान, सरचार्ज हटेगा, EMI घटेगी

कुछ नई नीतियां पहली बार लेकर आ रही हैं
राज्य सरकार इस बार कुछ नई नीतियां पहली बार लेकर आ रही हैं. इलेक्ट्रिक वाहन नीति, सिलिकोसिस नीति, जलवायु परिवर्तन नीति और एम सैंड नीति पहली बार आ रही हैं. बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद सरकार अब एम सैंड को इसका विकल्प बनाना चाहती है. इसके लिए एम सैंड नीति लाई जा रही है. लेकिन प्रदेश में बजरी का अवैध खनन रुक नहीं रहा है. अब एमसैंड को बजरी का विकल्प बनाने के सरकारी दावे पर सबकी निगाहें हैं.

धरातल पर हालात बदलें तो बने बात
इलेक्ट्रिक वाहन भी अभी न के बराबर चलन में हैं. अब भविष्य में ई-वाहनों की संभावनाओं और उन्हें बढ़ावा देने के लिए नई नीति बनाई जा रही है. जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से पूरा विश्व चिंतित है. सरकार इसके लिए नीति लेकर आ रही है. गहलोत सरकार की इन नई नीतियों पर काम जोरों से चल रहा है. दिसंबर से पहले सभी नीतियां जारी करने के प्रयास हो रहे हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल धरातल पर हालात बदलने का है.
 

More videos

See All