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पाकिस्तान को झटका, एफएटीएफ उपसमूह ने किया ब्लैकलिस्ट

कश्मीर मुद्दे पर भारत को घेरने की नाकाम कोशिश में जुटा पाकिस्तान अभी चौतरफा गरीबी की मार झेलेगा. पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है वहीं दूसरी तरफ दुनिया भर से कश्मीर मुद्दे पर मदद मांग रहे पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने एकबार फिर ब्लैक लिस्ट कर दिया है. बता दें कि पाकिस्तान की फंडिंग रोकने की वजह पाक की सरजमीं पर पनप रहा आतंक हैं. इससे पहले पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में डाला हुआ था.
पाकिस्तान को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा. टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टाक्स फोर्स (एफएटीएफ) की क्षेत्रीय इकाई एशिया पेसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने उसे ‘काली सूची में’ डाल दिया है.
पाकिस्तान को एक झटका देते हुए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के एक क्षेत्रीय सहयोगी एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने उसे अपने मानकों को पूरा करने में असमर्थ रहने के चलते ‘इन्हैंस्ड एक्सिपडाइडेट फॉलोअप लिस्ट (ब्लैकलिस्ट)’ में रख दिया है. एफएटीएफ आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन के लिए वैश्विक प्रहरी के रूप में काम करता है.
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अधिकारियों ने कहा कि कैनबरा में अपनी बैठक में एपीजी ने पाया कि आतंक वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के 40 अनुपालन मानकों में से पाकिस्तान 32 मानकों पर खरा नहीं उतरा.
एफएटीएफ एपीजी की चर्चा दो दिनों में सात घंटे से अधिक समय चली. 11 प्रभावशीलता मानकों मे से 10 पर पाकिस्तान की कार्रवाई को कम प्रभावी माना गया.
पाकिस्तान ने एफएटीएफ को अपनी 27-सूत्रीय कार्ययोजना पर एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. अक्टूबर तक तीन अलग-अलग मूल्यांकन इस बात को लेकर किए जाएंगे कि क्या पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर निकाला जाना चाहिए या नहीं.
वित्तीय व बीमा सेवाओं और क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एशिया-प्रशांत समूह अपने सिस्टम को अपग्रेड करने पर पाकिस्तान की प्रगति के पांच साल के मूल्यांकन का संचालन कर रहा था.
पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर निकलना है. ऐसे में एपीजी की आकलन रिपोर्ट अप्रत्यक्ष रूप से उसके प्रयासों को प्रभावित कर सकती है.

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