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बाबरी मस्जिद विध्वंस केस: जज ने मांगी सुरक्षा, SC ने सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट में अभी राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई चल रही है. इससे इतर बाबरी मस्जिद विध्वंस साजिश मामले की सुनवाई कर रहे जज एसके यादव ने अब सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. बता दें कि एसके यादव बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के ट्रायल की सुनवाई कर रहे हैं.
जस्टिस एसके यादव ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी और पुलिस प्रोटेक्शन की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अब यूपी सरकार से इस पर जवाब मांगा है. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से उस आदेश को जारी करने के लिए भी कहा है जिसमें जज के कार्यकाल को तब तक के लिए बढ़ाया गया है, जब तक मामले का ट्रायल पूरा नहीं होता है.
गौरतलब है कि इस मामले में जो चार्जशीट दाखिल हुई थी उसमें बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 अन्य का नाम शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में ही अपने एक आदेश में कहा था कि इस मामले का ट्रायल नौ महीने में पूरा होना है और जब तक इस मामले का ट्रायल पूरा नहीं होता है तब तक जज रिटायर नहीं होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा था कि बढ़े हुए कार्यकाल के दौरान वह किसी दूसरे केस को नहीं सुनेंगे.
बता दें कि 6 दिसंबर, 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहा दिया गया था. इसके आरोप में BJP के नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 नेताओं के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की गई थी.
इस केस में जो चार्जशीट दाखिल की गई थी कि उसमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती के अलावा कल्याण सिंह (अब राजस्थान के राज्यपाल), अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

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