बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में लोन रिस्ट्रक्चरिंग करें बैंक : सुशील मोदी

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 69वीं एसएलबीसी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य के बाढ़ग्रस्त 13 जिलों में बैंकों द्वारा दी गयी कर्ज की वापसी का नये सिरे से निर्धारण करना चाहिए. उन्होंनेे कहा कि इन इलाकों में 90 लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित है. तीन जिले मधुबनी, अररिया और दरभंगा सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. प्रभावित जिलों के लोगों को दिये गये कर्ज की किस्तों का निर्धारण नये तरीके से और ओवरड्रॉफ्ट देने पर भी बैंकों को गंभीरता से विचार करना चाहिए. इस मामले को लेकर स्थिति की समीक्षा करने के लिए सात दिनों में एक विशेष बैठक की जायेगी, जिसमें विस्तार से चर्चा करके रणनीति तैयार की जायेगी. उन्होंने निर्देश दिया कि कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में ऋण देने में खासतौर से पहल करें. 
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चालू वित्तीय वर्ष में 10 लाख किसानों को केसीसी दिये जाएं. बीते वित्तीय वर्ष में केसीसी की उपलब्धि ढाई लाख रहने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बैंक लापरवाही नहीं बरतें. बिहार में पशुपालन और मत्स्य संसाधन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने बैंकों को चालू वित्तीय वर्ष के दौरान वार्षिक साख योजना 1.45 लाख करोड़ के तहत 90 फीसदी लक्ष्य हासिल करें. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक को बड़े बकायेदारों पर ध्यान देना चाहिए. 
ऐसे बड़े कर्जदारों की सूची सरकार को भी मुहैया कराएं. इसे लेकर संबंधित जिलों को कार्रवाई करने के निर्देश दिये जायेंगे. अगर स्वयं सहायता समूह में 98 फीसदी की रिकवरी हो सकती है, तो अन्य में क्यों नहीं. 25 लाख से बड़े डिफॉल्टर की सूची अलग से बनाएं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वयस्क का एक बैंक खाता के लक्ष्य के तहत बैंकों को काम करना है. बैंकिंग कॉरेपोंडेस (बीसी) की संख्या 18 हजार 230 से घटकर 16 हजार 902 हो गयी है. इनकी संख्या क्यों घटी इसका आकलन करने की जरूरत है. 45 हजार से ज्यादा गांव सूबे में हैं, प्रत्येक गांव में एक-एक बीसी होना चाहिए. चालू वित्तीय वर्ष में सभी बैंक इसका ब्योरा तैयार करके दें कि वे कितनी नयी शाखाएं और एटीएम खोलेंगे. हर बैंक को आम लोगों से सिक्का जमा लेने का आदेश दिया गया.

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