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PM नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता, झाड़ियों में डंप मिले उज्जवला योजना के सिलेंडर

बलरामपुर (Balrampur) जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट उज्जवला योजना (Ujjawala Scheme) में बड़ा घोटाला सामने आया है. भारत-नेपाल के बॉर्डर (Indo-Nepal Border) स्थित पचपेड़वा इलाके में करीब 6000 गैस सिलेंडर (Gas Cylinder) गोदाम व झाडियों में छिपाकर रखे गए थे. गुरुवार को जब स्थानीय लोगों की सूचना पर प्रशासन ने छापा मारा तो सच सामने आ गया. इसके बाद प्रशासन ने गैस एजेंसी भार्गव इंडिया ग्रामीण वितरक को सीज कर दिया. साथ ही आवश्यक वास्तु अधिनियम के तहत गैस एजेंसी संचालक समेत पांच लोगों पर केस भी दर्ज किए गए हैं.

गरीबों को नहीं बांटे कनेक्शन

जांच में प्रथम दृष्ट्या यह पाया गया है कि ये सभी सिलेंडर उज्जवला योजना के हैं, जो गरीबों में बांटे ही नहीं गए बल्कि इनकी कालाबाजारी की जा रही थी. दरअसल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी. तब इस एजेंसी ने इलाके के गरीब लोगों में गैस कनेक्शन बांटने के नाम पर फॉर्म भरवाए थे. जिसके बाद एजेंसी को गैस सिलेंडर, चूल्हे व रेग्युलेटर मुहैया करवाए थे. लेकिन एजेंसी इन्हें लाभार्थियों को बांटे ही नहीं. आरोप यह है कि एजेंसी ने लाभार्थियों से 500-1500 रुपए तक कि अवैध वसूली भी की, लेकिन कनेक्शन नहीं दिया.

सब्सिडी भी हड़पी
आरोप यह है भी है कि उज्जवला योजना में मिलने वाली सब्सिडी को भी एजेंसी में हड़प लिया. मामले में डीएम कृष्णा करुणेश ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है. इस पूरे मामले में एजेंसी संचालक राम गोपाल तिवारी समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इंडियन आयल के अधिकारी भी इस पूरे मामले की जांच में जुटे हैं कि आखिर गरीबों को मिलने वाले इन गैस सिलेंडरों को बांटा क्यों नहीं गया. आशंका यह भी व्यक्त की जा रही है कि नेपाल सीमा से सटा होने के कारण इन सिलेंडरों की कालाबाजारी कर नेपाल तो नहीं भेजा जा रहा था?

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