IANS

'करतारपुर का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में होगा'

पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल मिर्जा असलम बेग ने बड़ा खुलासा किया. असलम बेग ने कहा कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों के इस्तेमाल में करेगा.
उन्होंने कहा कि भारत को सबक सिखाने के लिए 'जिहाद' ही एकमात्र तरीका है. लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर भारतीय सेना जिहादियों को नहीं रोक सकती.
पूर्व सेना प्रमुख जनरल मिर्जा असलम बेग ने कहा कि हम भारत के खिलाफ हाइब्रिड युद्ध चाहते हैं. जिहाद का प्रचार पूर्व पाक प्रमुखों और पूर्व उच्चायुक्तों द्वारा किया जा रहा है. पाक पीएम ने खुद पुलवामा जैसे हमलों की धमकी दी है. जिहादी पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा है.
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गौरतलब है कि जुलाई में करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत के साथ होने वाली अधिकारी स्तर की वार्ता से ठीक एक दिन पहले इमरान खान की सरकार ने पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) से कुख्यात खालिस्तानी आतंकवादी गोपाल चावला समेत चार खालिस्तानी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. पाकिस्तान ने गोपाल चावला को बाहर किया, लेकिन अन्य खालिस्तानी आतंकवादियों को भर लिया था.
करतारपुर कॉरिडोर के लिए दूसरे दौर की वार्ता एक बार गोपाल चावला के नाम पर रद्द हो जाने के कारण पाकिस्तान के इस कदम को भारत के दबाव के आगे झुकने के रूप में देखा गया. लेकिन पाकिस्तान ने जिस तरह पीएसजीपीसी में गोपाल चावला को हटाकर दूसरे खालिस्तानी आतंकवादियों को बिठा दिया, उससे यही लग रहा कि यह भारत को भ्रमित करने के लिए उठाया गया कदम है.
बहरहाल, पाकिस्तान ने नवंबर में उद्घाटन से पहले ही करतारपुर कॉरिडोर का 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है. इसमें जीरो लाइन से गुरुद्वारा साहिब तक जाने के लिए सड़क, पुल और इमारतों का निर्माण शामिल है.
पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारे में दर्शन करने के लिए भारत से पहला जत्था 9 नवंबर को रवाना होगा. पहले जत्थे में कितने तीर्थयात्री वहां जाएंगे इसकी जानकारी नहीं है. नवंबर में बाबा गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी सेनाप्रमुख कमर जावेद बाजवा कॉरिडोर का शुभारंभ करेंगे.
करतारपुर क्रॉसिंग पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ेगी. दोनों पक्ष संचार के एक चैनल को बनाए रखने और समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करने के लिए सहमत हुए हैं.
तकनीकी टीमें एक बार फिर से मिलेंगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गलियारे के लिए सहज कनेक्टिविटी समय पर चालू हो सके और तीर्थयात्रा इस साल नवंबर में दर्शन शुरू कर पाए. कॉरिडोर शुरू होने के बाद भारतीय सिख समुदाय के लोग पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारे के दर्शन कर सकेंगे. पाकिस्तान ने इसके लिए उन्हें वीजा मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करने की बात कही है. 1947 में दोनों देशों की स्वतंत्रता के बाद से यह दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच पहला वीजा-मुक्त कॉरिडोर भी होगा.

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