विधानसभा के मानसून सत्र में हुई महंगे सीमेंट पर तीखी नोक-झोंक

हिमाचल में पड़ोसी राज्यों से सीमेंट के दाम ज्यादा होने का मुद्दा वीरवार को विधानसभा के मानसून सत्र में गूंजा। इस मुद्दे पर उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर और पूर्व उद्योग मंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री आमने-सामने आ गए। दोनों में तीखी नोक-झोंक हुई।
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में वाहनों का भाड़ा पड़ोसी राज्यों की तुलना में अधिक है। इसके अलावा खुले बाजार में पाकिस्तान से सीमेंट की सप्लाई बंद होने से भी किराया बढ़ा है। राज्य सरकार कंपनियों से वार्ता करेगी और इसमें कमी लाने का पूरा प्रयास करेगी। उन्होंने दावा जताया कि प्रदेश में ये दाम पिछले
वर्षों के मुकाबले ज्यादा नहीं बढ़े हैं। ऊना में 15 रुपये तक प्रति बैग कम हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि उनके सवाल को बदल दिया गया। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में प्रति बोरी सीमेंट के दाम 100 रुपये तक बढ़े हैं। कंपनियों को डोज देनी होगी। तभी वे दाम कम करेंगी। अगर दाम कम करवाए तो फिर समझेंगे कि बतौर मंत्री बिक्रम सिंह ने अच्छा काम किया है।
उद्योगमंत्री बोले, आपके प्रश्न में ही उत्तर है उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री ने जो सवाल उठाया है, उसी में उत्तर दे दिया है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सीमेंट के दाम पूर्व कांग्रेस के कार्यकाल में 385 रुपये प्रति बैग थे।
वर्तमान भाजपा सरकार के वक्त इस साल 16 अप्रैल को 378 रुपये हुए। 31 अप्रैल को 380 रुपये हुए। ये दाम शिमला के रहे। ऊना में कांग्रेस सरकार के वक्त 335 रुपये था। इस साल 16 अप्रैल को 370 रुपये प्रति बैग रहा। सरकार ने कंपनियों ने वार्ता की तो 355 रुपये हुए। 15 रुपये की कमी लाई। शिलाई के विधायक हर्षवद्र्धन चौहान ने कहा कि ऊना के ही दाम क्यों कम किए, बाकी 11 जिलों में क्यों नहीं? जवाब में मंत्री ने कहा कि पांवटा में भी 30 रुपये तक की कमी आई है।

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