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इस सड़क से जाने के लिए PM मोदी से ट्रेवलिंग इंश्योरेंस चाहते हैं लोग, एक साल में गईं इतनी जानें...
सामरिक दृष्टि से बेहद महत्त्वपूर्ण माने जाने वाली ऑल वेदर सड़क एनएच 9 पिछले 15 दिन में 7 दिन बंद रही है. लगातार भूस्खलन और निर्माण कार्य जारी रहने की वजह से यहां दुर्घटनाएं आम बात हो गई हैं. इस रास्ते पर हुए हादसों में कई जानें चली गई हैं और कई लोग घायल हुए हैं. यहां से गुजरने वाले लोगों को हमेशा दुर्घटना या जाम में फंस जाने का डर लगा रहता है. ये तस्वीरें बता रही हैं कि यह गलत भी नहीं है. ऐसे में चंपावत निवासी अब इस सड़क से गुजरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बीमा करवाने की मांग कर रहे हैं.
चंपावत, पिथौगढ़ तक जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 9 भारत को चीन और नेपाल से जोड़ता है. इसके सामरिक महत्व को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे ऑल वेदर रोड बनाने का फैसला किया था.
लेकिन सरकार का यह फैसला यहां से गुजरने वालों पर भारी पड़ रहा है. लगातार कटिंग की वजह से इस रास्ते पर भूस्खलन की घटनाएं बहुत बढ़ गई हैं. यहां खड़े पेड़ ऐसी स्थिति में हैं कि कभी भी वो यहां से गुजरती गाड़ी पर गिर सकते हैं.
पिछले 15 दिन में ये ऑल वेदर रोड 7 दिन बंद रही है. बचे हुए 8 दिन में कई चरणों में 50 घंटे से रास्ते रुके रहे.
फरवरी 2019 में कार पर पेड़ गिरने से इसमें सवार 2 महिलाओं की जान चली गई थी. इसी साल मलबे में दबकर एक जेसीबी चालक की मौत हो गई थी.अगस्त माह में पहाड़ी से बोल्डर गिरने से कार सवार 3 लोग घायल हो गए थे. अगस्त महीने में ही गाड़ियों पर बोल्डर गिरने के 10 से ज्यादा मामले सामने आए.
सड़क दुर्घटना के ये आंकड़े डराने वाले हैं. एक साल में 30 से ज्यादा हादसों में 35 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसलिए अजीब नहीं लगता कि स्थानीय लोग अब इस रास्ते से गुजरने के लिए यात्रा बीमा की मांग कर रहे हैं.
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी इससे हाथ खड़े कर रहे हैं. एनएच 9 पर जारी प्रोजेक्ट के अधिशासी अभियंता एलडी मलेथा ने कहा कि प्रोजेक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
चंपावत निवासी विवेक जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस रास्ते से गुजरने वालों के लिए जीवन सुरक्षा बीमा देने की मांग की है.इसमें किसी को शक नहीं कि ऑल वेदर रोड का निर्माण पूरा हो जाने के बाद पिथौरागढ़ तक आवाजाही बहुत आसान हो जाएगी लेकिन स्थानीय निवासियों के इस डर को भी दूर करने की जरूरत है कि यहां से गुजरना सुरक्षित भी होगा.