छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक सरकार ने कृषि साख सहकारी समितियों को भंग करके नए सिरे से पुनर्गठन करने की घोषणा की। सरकार ने बकायदा अधिसूचना जारी करके नए सिरे से पुनर्गठन का आदेश जारी किया। पिछले 15 साल से भाजपा की सरकार होने के कारण प्रदेश की अधिकांश सहकारी समितियों में भाजपा का कब्जा है। कांग्रेस सरकार आने के बाद इसे नए सिरे से गठित करने का काम शुरू किया गया है। सरकार के कदम को भाजपा ने अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार दिया है।
Chhattisgarh: Now the school curriculum will include Rajiv Gandhi, Congress government start preparationभाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बजाज ने कहा कि वर्ष 2011 में डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में संविधान के 97 वें संविधान संशोधन के द्वारा सहकारी समितियों के बोर्ड का कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित किया है। लेकिन दुख की बात है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार यूपीए सरकार के कार्यकाल के समय किए प्रावधान को नहीं मान रही है।