भूपेंद्र सिंह हुड्डा नहीं छोड़ेंगे पार्टी, तो क्या तंवर की अध्यक्ष पद से हो सकती है छुट्टी?

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को अपने गढ़ माने जाने वाले रोहतक में महापरिवर्तन रैली की थी. इस रैली में हुड्डा ने 25 सदस्यों की एक कमेटी बनाने का फैसला किया था. इस रैली के बाद चर्चाएं थी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा जल्द ही कांग्रेस पार्टी छोड़ कर अपनी नई पार्टी बना सकते हैं. लेकिन सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व को भरोसा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी नहीं छोड़ेंगे. कांग्रेस नेतृत्व हुड्डा की रैली को लेकर नकारात्मक नहीं है. 
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सूत्रों की मानें तो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर की अध्यक्ष पद से छुट्टी हो सकती है. तंवर की छुट्टी के बाद हुड्डा को अध्यक्ष न बनाकर किसी और को अध्यक्ष बनाया जा सकता है. इस फॉर्मूले से हुड्डा कुछ हद तक सहमत हो सकते हैं. हालांकि हुड्डा खुद अध्यक्ष बनना चाहते हैं. आखिरी फैसला 22 अगस्त के बाद लिया जा सकता है.
महापरिवर्तन रैली में 13 विधायकों ने लिया था हिस्सा
बता दें, रोहतक में आयोजित महापरिवर्तन रैली में हुड्डा समर्थक 13 विधायक, कई पूर्व विधायक सहित हरियाणा के कई वरिष्‍ठ नेता मौजूद रहे थे. सभी ने एक सुर में कहा कि हुड्डा को एक मजबूत फैसला लेना चाहिए. वह जो भी तय करेंगे, उसमें सभी साथ हैं. इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा था कि आज हरियाणा का किसान तबाही की ओर है और बेरोजगारी बढ़ रही है. मैं 72 साल का हो गया हूं और रिटायर होना चाहता था, लेकिन हरियाणा की हालत देखकर संघर्ष का फैसला किया है क्योंकि देशहित से ऊपर कुछ नहीं.
तंवर ने कही थी हाईकमान से हुड्डा की शिकायत करने की बात
हुड्डा की रैली के बाद अशोक तंवर ने कहा था कि ये अनुसाशनहीनता है. अब इस अनुसाशनहीनता का अंत होना चाहिए. कांग्रेस पहले वाली है और कांग्रेस बदली नहीं है. उन्होंने कहा था कि इस मामले को लेकर मैं हाई कमान से बात करूंगा. अशोक तंवर ने कहा कि मैनिफेस्टो पार्टी का होता है, पार्टी जारी करती है. किसी व्यक्ति का मैनिफेस्टो नहीं होता है. इस मामले का संज्ञान कांग्रेस पार्टी के प्रभारी को लेना चाहिए.

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