jagran

प. बंगाल: तृणमूल के लिए दोधारी तलवार बना 'दीदी के बोलो' अभियान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का जनसंपर्क अभियान 'दीदी के बोलो' तृणमूल कांग्रेस के लिए दोधारी तलवार बन गया है। एक ओर इससे पार्टी नेताओं को लोगों तक पहुंचने में मदद मिल रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हें लोगों के असहज सवालों का भी सामना करना पड़ रहा है, जिनमें जबरन वसूली, कट मनी और भ्रष्टाचार के मुद्दे शामिल हैं।
गौरतलब है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और उनकी कंपनी 'इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी' की सलाह पर ममता ने लोगों के पार्टी नेताओं से सीधे संवाद के लिए 'दीदी के बोलो' अभियान शुरू किया था। इसके तहत गत 29 जुलाई को हेल्पलाइन नंबर 9137091370 और वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडॉटदीदीकेबोलोडॉटकॉम शुरू किया गया था।
तृणमूल लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद 2021 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रशांत किशोर की सेवाएं ले रही हैं। इस अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इसके शुरू होने के दो दिनों के अंदर ही दो लाख से अधिक कॉल आए।
ममता ने विशाल जनसंपर्क कार्यक्रम भी शुरू किया है, जिसके तहत 1,000 से अधिक पार्टी नेता लोगों की समस्याएं जानने-समझने और उनका निवारण करने के लिए अगले 100 दिनों में 10,000 गांवों में जाएंगे। यह कार्यक्रम मुसीबत में फंसे लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
खराब स्वास्थ्य के कारण निजी परेशानी में फंसे सैंकड़ों कॉलरों को राज्य के स्वास्थ्य विभाग, तृणमूल नेताओं और मंत्रियों ने तत्काल सहायता मुहैया कराई। तृणमूल के एक नेता के अनुसार कर्नाटक और केरल में बाढ़ में फंसे बंगाल के लोगों को भी बचाया गया है, हालांकि, इस कार्यक्रम से तृणमूल नेतृत्व पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं।
एक पार्टी नेता ने कहा-'जबरन वसूली, कट मनी, सिंडिकेट की भी शिकायतें मिल रही हैं। शिकायतें मिलने पर हम उनपर गौर करते हैं।' दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल के लोग तृणमूल के कुशासन और कट मनी से परेशान हो गए हैं। 

More videos

See All