आज इतिहास रचेगा झारखंड, पहली बार महिलाएं बन रहीं मिट्टी की डॉक्टर

झारखंड बुधवार को एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है. पहली बार झारखंड की महिलाएं मिट्टी की डॉक्टर बन रही हैं. हर गांव और हर किसान की मिट्टी के लिए अब राज्य में डॉक्टर होंगे. राज्य की हर पंचायत में मिट्टी की प्रयोगशाला होगी. हर प्रयोगशाला में मिट्टी के डॉक्टर होंगे, जो ग्रामीण किसानों को बतायेंगे कि उनके खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य कैसा है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्विटर पर यह जानकारी दी है.
मुख्यमंत्री द्वारा ट्वीट किये गये वीडियो में बताया गया है कि मिट्टी के डॉक्टर किसानों को यह भी बतायेंगे कि जिस खेत में वे खेती कर रहे हैं, उसकी उपज कैसे बढ़ सकती है. अगर मिट्टी में कोई दोष/रोग उत्पन्न हो गया है या किसी तत्व की कमी हो गयी है, तो उसे दूर करने के उपाय भी बतायेंगे.
प्रत्येक पंचायत में दो-दो प्रशिक्षित महिला समूह के सदस्य को मिट्टी के डॉक्टर का दर्जा मिलेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में इन्हें सम्मानित करेंगे. अब हर खेत का भी अपना हेल्थ कार्ड भी है. 17 लाख किसानों को अपने खेत के लिए हेल्थ कार्ड मिल गया है.
 
खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में 5,000 से अधिक किसानों को और पूरे राज्य में 50 हजार किसानों को बुधवार को स्वॉयल हेल्थ कार्ड दिया जायेगा. इतना ही नहीं, 350 महिलाओं को मिट्टी के डॉक्टरों के रूप में पहचानपत्र भी दिये जायेंगे.
पूरे राज्य में 3164 प्रयोगशाला स्थापित करने की सरकार की योजना है. 4367 पंचायतों की हर पंचायत से 2-2 महिलाओं का चयन कर 8734 मिट्टी का डॉक्टर बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

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