गहलोत से बोले पायलट, आप कार्यकर्ताओं और विधायकों की सुनिये,उनकी बात मानिए

राजस्थान में नौ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत और राज्य में पार्टी के युवा चेहरे सचिन पायलट के बीच शुरू हुआ टकराव अब भी थम नहीं रहा है। अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाने के बाद पार्टी ने सचिन को उपमुख्यमंत्री का पद दिया, लेकिन दोनों नेताओं के बीच तल्खी कम नहीं हुई। मंगलवार को पूर्व पीएम स्व.राजीव गांधी की 75वीं जयंती के मौके पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पायलट ने गहलोत पर खुब तंज कसे। गहलोत ने अपने संबोधन में जहां खुद को वरिष्ठ और राजीव गांधी के निकट दिखाने का प्रयास किया, वहीं पायलट ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा।
अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि जब राजस्थान में अकाल पड़ा था तो राजीव गांधी ने हमारी बात मानते हुए तत्काल मदद दी थी। राजीव गांधी ने बिना डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जोधपुर को पानी दिलवाया। राजीव गांधी ने उसकी दिल्ली से मॉनिटरिंग भी की।
गहलोत के बाद जब पायलट को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी जिस तरह से राजीव गांधी ने आपकी बात मानी थी, उसी तरह से आप भी विधायकों की बात मानिए। कार्यकर्ता और विधायकों की भी सुनिए। जब विधायक आपके पास काम लेकर जाएं तो आप डीपीआर बनाने की बात नहीं कहकर तुरंत उसकी घोषणा कर दिया कीजिए। राजीव गांधी का हवाला देते हुए पायलट ने इशारों-इशारों में कहा कि हमें पार्टी में पार्टी को दलालों से दूर रखना चाहिए। पायलट ने कहा कि मुंबई के कांग्रेस अधिवेशन में राजीव गांधी ने कहा था कि हमारी पार्टी में भी अगर दलाल है तो उन्हें बाहर निकालना होगा।
पायलट ने सरकार और संगठन को लेकर भी इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री से कहा कि राजीव गांधी कहा करते थे कि हमेशा से सरकार से ज्यादा संगठन को तवज्जो देनी चाहिए। पायलट ने गहलोत की तरफ निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में हमें पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद से ही राजस्थान कांग्रेस में दो गुट बन गए हैं। एक गुट सचिन पायलट के समर्थकों का है तो दूसरा अशोक गहलोत समर्थकों का।

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