कांग्रेस नेतृत्‍व को संशय में डाला भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने, पूर्व सीएम ने बनाई अब ऐसी रणनीति

कांग्रेस को अब हरियाणा में जल्‍द बड़ा झटका लगने वाला है और पार्टी यहां टूट के एकदम नजदीक दिख रही है। यह रविवार को ही तय लग रहा था, लेकिन पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत के बाद इसे टाल दिया। कांग्रेस हाईकमान से प्रदेश नेतृत्व को लेकर लड़ाई लड़ रहे हुड्डा की रणनीति रातों-रात बदल गई। लेकिन जिस अंदाज में वह हमलावर रहे वह कांग्रेस नेतृत्‍व को बेचैन करने के लिए काफी है। हुड्डा ने नई पार्टी या मंच का ऐलान नहीं, लेकिन अगली सियासी राह तय करने के जिए 25 सदस्‍यीय कमेटी गठिेत कर अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी। अब सारा कुछ कांग्रेस आलाकमान पर निर्भर है। यदि हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान मिली तो हालात बदल सकते हैं।
राेहतक रैली में हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पहले वाली नहीं रही और अब भटक गई है। वह बोले, मैं सारे बंधनों से मुक्‍त होकर अपनी बात कहने आया हूं। हरियाणा में कांग्रेस से अलग होने का साफ संकेे‍त देते हुए वह यह भी बाेले कि अब खुद को अतीत से मुक्‍त करता हूं। इसी तरह उन्‍होंने जम्मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस के रुख को गलत बताकर उन्‍हें पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्‍होंने जम्मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस राह भटक गई है। अब ऐसे में हालात को संभालना कांग्रेस नेतृत्‍व के लिए कतई आसान नहीं होगा।
बताया जाता है कि हुड्डा द्वारा रोहतक की महापरिवर्तन रैली में अलग पार्टी या मंच की घोषणा की काफी संभावना थी, लेकिन शनिवार देर रात सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद उन्‍होंने अपनी रणनीति बदल दी। इसीब बातचीत के कारण उन्होंने न तो नई पार्टी का ऐलान किया और न ही कांग्रेस को छोड़ा या कोई मंच बनाया। ऐसे में हरियाणा की राजनीति में बड़े धमाके की उम्मीद कर रहे हुड्डा समर्थकों को अब कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। रैली में हुड्डा ने अंदाज व तेवर से अपने इरादे जरूर जाहिर कर दिए।
‘चुनाव की तैयारियों में जुट जायें कार्यकर्ता ’
परिवर्तन महारैली से पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के निशान पर हरियाणा में विधानसभा चुनाव लडऩे के संकेत मिल रहे थे। हुड्डा के साथी विधायक और उनके खासमखास पूर्व मंत्री व विधायक भी मीडिया के सामने बड़े परिवर्तन और धमाके के बयान लगातार दे रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की शनिवार रात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से बातचीत हुई। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने हुड्डा को सकारात्मक आश्वासन दिया था। हुड्डा हरियाणा में दस साल तक मुख्यमंत्री रहे, इसका पूरा श्रेय सोनिया गांधी को ही जाता है। सोनिया गांधी और हुड्डा के बीच संबंध बेहतर हैं। सोनिया से फोन पर बातचीत के बाद हुड्डा ने रैली को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया। इसका उदाहरण है कि मंच के पीछे परिवर्तन रैली का बैकड्राप भी नहीं लगाया गया था।
हुड्डा ने रोहतक रैली में कहा, मैं 72 साल का हो गया हूं और रिटायर होना चाहता था, लेकिन हरियाणा की हालत देखकर संघर्ष का फैसला किया। उन्‍हाेंने कहा कि देशहित से ऊपर कुछ नहीं। जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद हटाने का हमारे कई नेताओं ने विरोध किया, यह सही नहीं था। मैंने देशहि‍त के इस निर्णय का समर्थन किया। उन्‍होंने कहा, मेरे परिवार की चार पीढि़यों कांग्रेस से जुड़ी रही है। हमने कांग्रेस के लिए जी जान से मेहनत की, लेकिन अब कांग्रेस पहले वाली नहीं रही। 370 पर कांग्रेस कुछ भटक गई, लेकिन देशभक्ति और स्वाभिमान का मैं किसी से समझौता नहीं करूंगा, इसीलिए मैंने 370 हटाने का समर्थन किया। उन्‍होंने कहा, उसूलों के लिए टकराना भी जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा दिखना जरूरी है।

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