झामुमो नहीं चाहता है कि बिजली आदिवासियों तक पहुंचे : भाजपा

 प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने गांवों में लग रही स्ट्रीट लाइट योजना में घाेटाले का आरोप लगाते हुए खुला पत्र जारी किया था. इसके जवाब में आज भाजपा ने अपने प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव को उतारा. श्री शाहदेव पूरे कागजात के साथ प्रेस के सामने आये और हेमंत सोरेन द्वारा लगाये गये सभी आरोपों की खारिज करते हुए उल्टा आरोप लगा दिया कि झामुमो और हेमंत नहीं चाहते कि राज्य में आदिवासियों के गांवों तक बिजली की रोशनी पहुंचे. 
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि श्री सोरेन का बयान पूरी तरह तथ्यहीन है़ कहा कि मुखिया संघों के द्वारा विभाग को प्रस्ताव दिये गये थे कि अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग दरों पर स्ट्रीट लाइट लगायी जा रही थी. 
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उसके बाद सरकार ने पूरे प्रदेश में सामान दर लागू करने के लिए यह कार्य इइएसएल को दिया़ यह कंपनी सौ प्रतिशत भारत सरकार की स्वामित्व वाली है़ इइएसएल को ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य मिला है. उसी दर और उन्हीं शर्तों पर यह कंपनी आंध्र प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में भी काम कर रही है़ 
गलत बयानी कर रहे हैं नेता प्रतिपक्ष: भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि श्री सोरेन पूरे तरीके से गलत बयानी कर रहे है़ं वह एक बल्ब की कीमत 1850 रुपये बता रहे हैं, जबकि एक बल्ब की कीमत सिर्फ 1350 है़ दरअसल झामुमो नहीं चाहता है कि गांवों में बिजली पहुंचे़ स्ट्रीट लाइट से गांवों में अंधकार दूर हो और बच्चे पढ़ सके़ं श्री शाहदेव ने कहा कि बिजली की आंखमिचौनी जारी है, तो इसके लिए हेमंत सोरेन सबसे ज्यादा दोषी है़ं 
उन्होंने अपने कार्यकाल में 14 महीने तक ट्रांसमिशन लाइन की फाइल दबा कर रखी थी. उस समय यह काम हो गया होता, तो झारखंड में बिजली संकट नहीं होती. दरअसल झामुमो के वोट बैंक की राजनीति समाप्त हो गयी है़ जनता जाग गयी है़ पिछले लोकसभा चुनाव में भी जनता ने विकास के मुद्दे पर भाजपा को भारी जन समर्थन दिया था.

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