तमिलनाडु में कुछ स्कूलों में छात्रों को जाति के आधार पर कलाई पर अलग-अलग रंगों के बैंड पहनने के लिए मजबूर किया जाता है।आज़ादी के 73 वर्ष बाद भी में भारत में दलित समाज को लेकर जहां एक ओर कई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धताएं दिखी हैं, जिनसे उनकी स्थिति मजबूत हुई और सुधरती नजर आती है, लेकिन वहीं दूसरी ओर ज्ञान के केंद्रों में ऊंच-नीच का भेदभाव मानवता का परिहास भी करता नजर आता है।