लद्दाख के प्रतिष्ठित नेताओं ने केंद्र सरकार से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत जनजातीय क्षेत्र घोषित करके इसकी पहचान कायम रखने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को लद्दाख सांसद जामयांग तेसरिंग नामगयाल ने एक ज्ञापन देते हुए कहा कि लद्दाख की 90 फीसदी आबादी इससे जुड़ी हुई है। केंद्र सरकार ने लद्दाख को केंद्र शासित घोषित किया है, लिहाजा लद्दाख की जनजातीय पहचान को बरकरार रखने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। इसकी अपनी संस्कृति, भूमि और अर्थव्यवस्था है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से लद्दाख को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने पर जोर देते हुए कहा कि स्वायत्तता जिला और क्षेत्रीय काउंसिल के गठन के बाद असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम में जनजातीय क्षेत्र में अलग प्रशासन है।
पाकिस्तान के जख्म पर अमेरिका का नमक, आर्थिक मदद में 3100 करोड़ की कटौती की गईजम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से विभिन्न जनजातीय योजनाओं को लद्दाख में अमल में नहीं लाया गया है। समुदाय के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, हास्टल और स्कूलों का निर्माण नहीं किया गया है।