300 करोड़ की लागत से उज्जैन के महाकाल मंदिर का कायाकल्प करेगी कमलनाथ सरकार

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर लगातार बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है. राम, गौशाला और नर्मदा के बाद अब कमलनाथ सरकार ने विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के कायाकल्प का बीड़ा उठाया है.
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर सूबे में आस्था का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकाल मंदिर में हर साल देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. कई प्रमुख हस्तियों का भी यहां लगातार आना लगा रहता है. बीजेपी के दिग्गज नेता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या फिर उमा भारती सभी की महाकाल मंदिर में अगाध श्रद्धा रही हैं.

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अब यही श्रद्धा का भाव लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकाल मंदिर के लिए करीब 300 करोड़ रुपये की योजना बनाई है. भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 300 करोड़ रुपये की योजना शुरू होगी. महाकाल मंदिर के विस्तार और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए मंत्रियों की एक त्रिस्तरीय सदस्य समिति गठित होगी. इसके साथ ही महाकाल मंदिर के अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी कैबिनेट में लाया जाएगा.
दरअसल, सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रालय में भगवान महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार और सुविधाओं के विस्तार पर बैठक रखी गई थी. इस बैठक में सीएम कमलनाथ ने कहा कि भगवान महाकाल के कारण पूरे विश्व में मध्य प्रदेश की पहचान है. करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के इस केन्द्र का सुनियोजित विकास किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि श्रद्धालु सिर्फ दर्शन करने के लिए नहीं आएं, बल्कि उज्जैन में ऐसी व्यवस्थाएं हो, ताकि वो एक-दो दिन यहां रूकें भी. इसके लिए महाकाल मंदिर से जुड़ी पौराणिक गाथाओं और अन्य आकर्षण की सुविधाओं की व्यवस्था की जानी चाहिए. इससे उज्जैन शहर और यहां के निवासियों का भी विकास होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्तार और व्यवस्था में सुधार के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि महाकाल मंदिर के मूल ढांचे के साथ कोई छेड़छाड़ न हो.
सीएम कमलनाथ ने मंत्रियों की बनाई कमेटी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने योजना पर काम करने के लिए 3 कैबिनेट मंत्रियों की समिति बनाई है. इसमें उज्जैन जिले के प्रभारी और पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, आध्यात्म विभाग के मंत्री पीसी शर्मा और नगरीय निकाय मंत्री जयवर्धन सिंह हैं. यह कमेटी महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं से जुड़े लोगों, जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर विकास और विस्तार के संबंध में जरूरी निर्णय लेगी.
महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार योजना में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही प्रवेश और निर्गम, फ्रंटियर यार्ड, नंदी हाल का विस्तार, महाकाल थीम पार्क, महाकाल कॉरिडोर, धर्मशाला, रुद्रसागर की लैंड स्केपिंग, रामघाट मार्ग का सौंदर्यीकरण, पर्यटन सूचना केन्द्र, रुद्र सागर झील का पुनर्उद्धार, हरि फाटक पुल, यात्री सुविधाओं और अन्य सुविधाओं का निर्माण और विस्तार किया जाएगा.

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