11 मरीजों की आंखों की रोशनी चले जाने के मामले में कमलनाथ सरकार ने उठाए ये कदम

इंदौर के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाने के मामले में सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने, एफआईआर दर्ज करने के साथ ही ओटी को सील करवा दिया है. इस मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. वहीं रेडक्रास से 20 हजार रुपए की तत्काल मदद के साथ ही सभी पीड़ितों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है. मरीजों को चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले में संज्ञान लेते हुए पीड़ितों को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है.
 
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पीड़ित को मिलेंगे 50-50 हजार रुपये
इंदौर के गोविंदराम सेकसरिया ट्रस्ट के आई हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही से 11 लोगों की आंखों की रौशनी चली गई मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने अस्पताल के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने की बात कहते हुए जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की है. दोषी डॉक्टरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की बात कही है.

पीड़ितों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी सरकार

वहीं मामले में मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए पीड़ित मरीजों को चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया है. इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है पूरे मामले में कलेक्टर लोकेश जाटव ने भी तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं. इस मामले की जांच अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे. इस बात की भी जांच की जाएगी कि अस्पताल प्रबंधन ने किस तरह की लापरवाही बरती है. वहीं मरीजों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम से कराया जा रहा है चेन्नई से भी आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजीव रमन को इलाज के लिए बुलाया गया है.

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