महबूबा की बेटी ने शाह को लिखा अपनी नजरबंदी पर पत्र Srinagar

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने अपने साथ एक युद्ध अपराधी की तरह बर्ताव किए जाने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा है। गृह मंत्री से उन्हें नजरबंद करने का कारण भी पूछा है। दरअसल, पांच अगस्त को राज्य के संवैधानिक दर्जे में बदलाव से पहले से ही राज्य प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा समेत कई राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले रखा है। महबूबा की दो बेटियां सना और इल्तिजा हैं। इल्तिजा छोटी बेटी है और वह महबूबा का ट्वीटर हैंडल संचालित करती रही हैं।
अमेरिका में पढ़ी इल्तिजा भी 12 दिनों से गुपकार स्थित अपने मकान में कथित तौर पर नजरबंद हैं। यह मकान महबूबा को बतौर मुख्यमंत्री राज्य प्रशासन द्वारा आवंटित है। इल्तिजा ने गृह मंत्री अमित शाह के नाम अपने पत्र में लिखा है कि सब कुछ थाम कर रख देने वाले क‌र्फ्यू को लागू हुए 10 दिन से ज्यादा बीत चुके है। सभी फोन बंद हैं, इंटरनेट ठप हैं और पूरी वादी में डर का माहौल बना हुआ है। पूरी आबादी को.. कश्मीरियों को जानवरों की तरह कैद कर रखा गया है। उन्हें उनके मौलिक मानवाधिकारों से भी वंचित किया गया है। एक वॉयस मैसेज के साथ अज्ञात स्रोत से लगातार प्रसारित-प्रचारित हो रहे इस पत्र में इल्तिजा मुफ्ती ने लिखा है कि दुर्भाग्यवश मुझे भी मेरे ही घर में कैद कर रखा गया है। मुझे इसका कारण नहीं पता है, आपको बेहतर पता होगा। हमें यह भी नहीं बताया जाता कि हमें कौन मिलने आ रहा है और जो हमसे मिलने की इच्छा के साथ आते हैं, उन्हें गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी लौटा देते हैं। मुझे भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है। हालांकि, मैं किसी भी राजनीतिक दल से कोई ताल्लुक नहीं रखती और हमेशा एक सभ्य नागरिक की तरह कानून का पालन करती हूं।
 
इल्तिजा ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि उसके साथ किसी युद्ध अपराधी की तरह व्यवहार किया जा रहा है। हमें अपनी मां से नहीं मिलने दिया जा रहा है। इल्तिजा ने दावा किया है कि सुरक्षाबलों ने उसे बताया है कि उसके द्वारा विभिन्न मीडिया कर्मियों के साथ जो बातचीत करने, विभिन्न न्यूज पोर्टल को इंटरव्यू देने के कारण ही उसे नजरबंद किया गया है। पत्र में उन्होंने गृह मंत्री से पूछा है कि जो पीड़ा हमें दी जा रही है, जो हमारे हक पर डाका डाला गया है उसका जिक्र करना, क्या कोई अपराध है। अपनी दुर्दशा का बखान करने पर क्या कैद मिलेगी? अगर आप मुझे यह बताएंगे कि मुझे कब तक बंदी रखा जाएगा, किस कानून के तहत मुझे बंदी बनाया गया है, आपकी अत्यंत आभारी रहूंगी। क्या मुझे कानूनी रास्ता अपनाने की जरूरत है। जिस तरह से व्यवहार किया किया जा रहा है, यह अत्यंत दमघोंटू और बेइज्जतीपूर्ण है। इल्तिजा ने लिखा है सत्यमेव जयते ही वह सत्य है जो हमारे मुल्क और इसके संविधान की आत्मा को परिभाषित करता है।
 
इससे बड़ी विडम्बना और क्या होगी कि एक कड़वा और असहज सत्य बोलने पर मेरे साथ एक युद्ध अपराधी की तरह व्यवहार किया जा रहा है। अपने वॉयस मैसेज में इल्तिजा ने कहा है, मौजूदा हालात को देखते हुए उसने गृह मंत्री को अपनी नजरबंदी के मुद्दे पर औपचारिक पत्र लिखने का फैसला किया है। उम्मीद करती हूं कि मुझे मेरे मौलिक अधिकारों के बारे में सवाल करने पर दंडित या कैद नहीं किया जाएगा।

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