गहलोत सरकार सिर्फ अल्पसंख्यकों की हितैषी, बहुसंख्यकों की विरोधी - सतीश पूनिया

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक सतीश पूनिया ने प्रदेश में बिगड़ी कानून-व्यवस्था व विशेषकर अनुसूचित जाति पर हो रहे अत्याचारों को लेकर कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाए।

पूनिया ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति आज बहुत ही निम्न स्तर पर पहुंच चुकी है। कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए राज्य की बहुसंख्यक विशेष रूप से अनुसूचित जाति पर लगातार हो रहे अत्याचारों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने विशेष रूप से अलवर के गांव-झिवाणा, थाना-चैपानकी, टपूकड़ा, निवासी हरीश की दिनांक 16 जुलाई को मामूली सी बाईक टक्कर की घटना के बाद हरीश से कई लोगों ने मारपीट की जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आई, और बाद में उसकी मृत्यु हो गई। 

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हरीश के इलाज में लापरवाही बरतने व उसके पिता रतिराम द्वारा बार-बार पुलिस अधिकारियों से अपरााधियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग के बावजूद प्रशासन व पुलिस महकमे ने अनुसंधान में गंभीर लापरवाहियां बरती साथ ही अपराधियों द्वारा हरीश के पिता रतिराम को जाने से मारने की धमकियां दी जा रही थी। प्रशासन व पुलिस से सहयोग न मिलने से आहत होकर हरीश के पिता रतिराम ने स्वतंत्रता दिवस के दिन आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार अपने परम्परागत अल्पसंख्यक वोट बैंक को लुभाने के लिए माॅब लिचिंग कानून तो बना लिया मगर उससे पहले न तो सरकार ने पुलिस महकमे में इस कानून की व्यापक तैयारी नहीं की। 

भाजपा ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी में सदस्य- पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा व विधायक संजय शर्मा को सदस्य बनाया गया है। पूनिया ने प्रशासन व सरकार पर अनुसूचित जाति के विरूद्ध असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए सरकार से समस्त प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है,साथ ही मृतक हरीश की पत्नी को सरकारी नौकरी और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने के साथ ही पीड़ित परिवार को संरक्षण एवं सुरक्षा देने की मांग की है।

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