कमलनाथ सरकार का ध्यान अब अपनी ब्रांडिंग पर है. उसकी नज़र अगले कुछ महीनों में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव पर है. इसलिए वो अब ग्रास रूट लेवल पर जाकर काम करने की तैयारी में है. इसके लिए पंचायत और ज़िला स्तर पर वो समितियां बनाने की सोच रही है. इनके ज़रिए सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाया जाएगा. समितियों की कमान युवाओं के हाथ में होगी.
युवाओं को कमानकमलनाथ सरकार की ब्रांडिंग अब ग्रामीण इलाके के युवा करेंगे.सरकार की योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार पंचायत स्तर पर युवा ग्राम शक्ति समितियां बनाएगी.इसके पीछे मकसद यही है कि समितियों के ज़रिए गांव में नेतृत्व कौशल विकसित कर कांग्रेस को मजबूत किया जाए.समितियों का कार्यकाल तीन साल का होगा. अच्छा काम करने वाली समितियों को पुरस्कार दिया जाएगा.
इमरान खान ने कहा, कश्मीर में नाकाम हो जाएंगी भारत सरकार की ‘फासीवादी चालें’11 सदस्यों की समितिये समितियां प्रभारी मंत्रियों की सिफारिश पर बनायी जाएंगी. सीएम कमलनाथ ने सभी मंत्रियों को चिट्ठी लिखी है कि वो अपनी सिफारिश भेजें.हर पंचायत में बनने वाली इस समिति में 11 सदस्य होंगे.प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर कलेक्टर समिति बनाएंगे.ये समितियां अपनी ग्राम पंचायत में सरकारी योजनाओं का प्रचार करेंगी. पंचायत की तर्ज पर जिला योजना समिति का गठन किया जाएगा.जिलों में समिति सदस्यों की संख्या 10,15 और 20 होगी.
आठ महीने के कामकाज के बाद सरकार अब अपनी ब्रांडिंग पर ध्यान दे रही है. उसकी नज़र प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों पर है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों मिली करारी शिकस्त का जवाब वो स्थानीय चुनाव जीतकर ही दे सकती है.