ग्रामीण स्ट्रीट लाइट योजना में सौ करोड़ की लूट : हेमंत सोरेन

प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के नाम खुला पत्र लिख कर ग्रामीण स्ट्रीट लाइट योजना में लूट का आरोप लगाया है. प्रतिपक्ष के नेता ने सीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि सरकार ने पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग को मनोनयन के आधार पर काम देकर भ्रष्टाचार को संगठित अंजाम दिया है. बिना टेंडर इइएसएल को काम देकर लगभग 100 करोड़ की लूट की योजना बनायी गयी है. 
 श्री सोरेन ने कहा कि राज्य में खुदरा और थोक रिश्वतखोरी की चर्चा देश भर में है़   विभाग में सीधे वसूली हो रही है़  14वें वित्त आयोग मद की राशि से पंचायत में तीन काम होने हैं.  
पहला सभी पंचायतों में 200 एलइडी लाइट लगाना, दूसरा राज्य के सभी टोलों में सौर ऊर्जा आधारित लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना और तीसरा पंचायतों में पेवर्स ब्लॉक सड़क निर्माण का काम होना है़  राज्य की 4562 पंचायतों में 200 के हिसाब से नौ लाख 12 हजार 400 लाइट लगानी है़  24 वाट की एलइडी लाइट की कीमत इइएसएल द्वारा 1941़ 55 रुपये तय की गयी है़ 
इसके साथ ही प्रति लाइट 14़ 71 रुपये प्रति माह रख-रखाव का खर्च कंपनी को देने का निर्णय लिया गया है़  श्री सोरेन ने कहा कि हैवेल्स कंपनी की 24 वाॅट की स्ट्रीट लाइट 950 रुपये में बाजार में मिलती है़   इइएसएल कंपनी एलइडी लाइट बनाती भी नहीं है़ 
इसके लगाने का खर्च 1250 रुपये से ज्यादा नहीं आ सकता है़  प्रति लाइट 700 रुपये की अधिक खरीदारी का मतलब है कि 63.84 करोड़ से ज्यादा की लूट की व्यवस्था सरकार ने कर ली है़  यही नहीं सरकार प्रति पंचायत इसके रख-रखाव के मद में प्रति वर्ष 35 हजार से ज्यादा रुपये का भुगतान करेगी़  इस मद में 16 करोड़ से ज्यादा का भुगतान होगा़  
श्री सोरेन ने कहा कि यह केवल लूट का मामला नहीं है़ सरकार की इस व्यवस्था में पंचायती राज व्यवस्था के भी कुंद हो जाने का खतरा है़  
हमारी पंचायती राज व्यवस्था रबड़ स्टांप बन कर रह गयी है़  मुखिया का काम केवल चेक काटना रह गया है़  लघु ग्रामीण पाइप लाइन योजना में भी खेल हो रहा है़  इसमें भी दो कंपनी को फायदा पहुंचाया जा रहा है़  एमएनआरइ के अनुशंसित वेंडर से आपूर्ति लेने की बाध्यता कर दी गयी है़  इसका भी काम पंचायतों को नहीं दिया गया है़  
मुखिया को पंगु बनाने का खतरनाक खेल हो रहा है़  श्री सोरेन ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की है कि भ्रष्टाचार के नये-नये रास्ते खोजने के क्रम में पंचायती संस्थाओं को पंगु करने का प्रयास बंद हो़  ग्रामसभा की स्वायतता बरकरार रखी जाये़  मुखिया और ग्रामसभा को इस तरह की योजनाओं का अधिकार दिया जाये़

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