सोनिया गांधी का इम्तिहान लेगी रोहतक में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की 'परिवर्तन महारैली'

कांग्रेस अध्यक्ष पद फिर से संभालने वाली सोनिया गांधी की पार्टी को एकजुट करने की क्षमता की परीक्षा जल्द रोहतक में होनेवाली है। उन्होंने यहीं लगभग 20 साल पहले 1998 में पार्टी के मुख्य चुनाव प्रचारक के तौर पर एक रैली को संबोधित करते हुए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। विडंबना है कि जो शख्स 18 अगस्त को शहर में समानांतर रैली कर पार्टी हाईकमान को चुनौती देने जा रहा है, उन भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सोनिया ने ही 2005 की शुरुआत से 2014 के अंत तक राज्य में कांग्रेस सरकार चलाने के लिए भजनलाल पर तरजीह दी थी। 
कई सवाल खड़े करता है आयोजन 
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से रैली का आयोजन किया जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है, जैसे क्या यह उनकी तरफ से अक्टूबर में होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा कांग्रेस को तोड़कर एक क्षेत्रीय दल बनाने का पूर्व संकेत है या महज चुनाव से पहले सौदेबाजी का महौल बनाने की कवायद है। 
हरियाणा में विधानसभा चुनाव का आज बिगुल फूंकेंगे अमित शाह

सोनिया गांधी के लिए चुनौती 
अभी कांग्रेस में जिस कदर भगदड़ मची है और कई राज्यों की पार्टी यूनिट में उथल पुथल मच रही है, उसको देखते हुए पार्टी सर्किल में सबकी नजर इस पर होगी कि सोनिया गांधी और उनकी टीम हुड्डा की तरफ से पेश की जा रही चुनौती को किस तरह लेती है, क्योंकि इससे यह भी पता चलेगा कि वह अपनी दूसरी पारी में सौदेबाजी करनेवालों के साथ किस तरह निपटती हैं- क्या वह उन्हें जाने देंगी या उनकी बात मानेंगी। 
एआईसीसी के किसी नेता को निमंत्रण नहीं 
हुड्डा और सोनिया के संबंध तब तनावपूर्ण हो गए थे, जब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने 2016 में कांग्रेस के राज्यसभा कैंडिडेट आर के आनंद का सपॉर्ट करने से मना कर दिया था। अब उन्होंने 'परिवर्तन महारैली' में राज्य की पार्टी यूनिट या ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के किसी नेता को नहीं बुलाया है। इन सबसे मामला रहस्यमय हो रहा है। 
अशोक तंवर की जगह लेना चाहते हैं हुड्डा 
रोहतक में हुड्डा से निपटना सोनिया के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि हुड्डा हरियाणा में पार्टी के प्रमुख अशोक तंवर की जगह लेना चाहते हैं जिन्हें राहुल गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री की इच्छा के विरुद्ध उस पद पर नियुक्त किया था और सपॉर्ट किया था। रैली के बारे में पूछे जाने पर हुड्डा ने कहा, 'बीजेपी सरकार पिछले पांच साल में अपना एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई है। राज्य की जनता भरोसेमंद विकल्प का इंतजार कर रही है, इसलिए चुनाव से पहले उनके सामने बीजेपी सरकार के मुकाबले में मजबूत विकल्प पेश करने की जरूरत है।' 

More videos

See All