Mob Lynching: स्वतंत्रता दिवस पर CM गहलोत ने फिर कहा, हम वापस अपील करेंगे

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक बार फिर पहलू खान मॉब लिंचिंग केस को लेकर बयान दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि मॉब लिंचिंग ( Mob Lynching ) को लेकर कानून बनाने वाला राजस्थान (Rajasthan) मणिपुर के बाद में दूसरा राज्य बना है. हमारी सरकार ने सोच-समझकर इस कानून को पास करवाया है और जल्द ही यह लागू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पहलू खान (Pehlu Khan) वाले मामले में भी सरकार ने निर्णय किया है कि हम वापस अपील करेंगे.

कानून बना सकते हैं तो...
राजधानी जयपुर स्थित शासन सचिवालय में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झण्डारोहण कार्यक्रम में पहुंचे सीएम गहलोत ने कहा कि अगर मॉब लिंचिंग को लेकर हम लोग कानून बना सकते हैं तो आप समझ सकते हैं सरकार की स्पष्ट मंशा है कि किसी भी प्रकार की मॉब लिंचिंग नहीं होनी चाहिए. दो या दो से अधिक लोग मिलकर के किसी को मारने लग जाए, एक व्यक्ति की जान चली जाए इससे बड़ा निंदनीय काम क्या हो सकता है?

कोर्ट ने 6 आरोपियों को किया बरी
अलवर में 1 अप्रैल, 2017 को माॅब लिंचिंग (mob lynching case) के शिकार हुए हरियाणा के नूंह मेवात निवासी पहलू खान (pahalu khan) की मौत के करीब सवा दो साल बाद बुधवार को 6 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया. इस मामले में कोर्ट में चालान के बाद नियमित सुनवाई हुई लेकिन पुलिस जांच में ऐसी कई खामिया रही जिनके चलते कोर्ट में पहलू खान का पक्ष कमजोर पड़ा और आखिर संदेह के लाभ पर आरोपी बरी हो गए.

यह है पूरा मामला
पहलू खान अपने दो बेटों के साथ जयपुर के हटवाड़े से गाय लेकर हरियाणा जा रहा था और उसी दौरान अलवर के बहरोड़ में भीड़ने तीनों की जमकर पिटाई कर दी थी. इस पिटाई के तीन दिन बाद 4 अप्रैल, 2017 को बहरोड़ के कैलाश अस्पताल में इलाज के दौरान पहलू खान की मौत हो गई थी.

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