राज्यपाल का बयान- स्थानीय प्रशासन तय करेगा, राहुल कब आएंगे कश्मीर

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि राहुल गांधी का जम्मू-कश्मीर का दौरा कब संभव है ये फैसला स्थानीय प्रशासन लेगा. राहुल गांधी के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के बीच ट्विटर पर सवाल-जवाब का सिलसिला चल पड़ा है.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद राहुल गांधी वहां के हालात को लेकर लगातार चिंता जाहिर कर रहे हैं. इस पर राज्यपाल ने सोमवार को कहा था कि वह राहुल गांधी के लिए घाटी के दौरे के लिए एक विमान भेज देंगे और वह खुद हालात देख सकते हैं. इस पर कांग्रेस नेता ने जवाब दिया कि उन्हें विमान की जरूरत नहीं है, लेकिन यात्रा की आजादी और लोगों से मिलने की स्वतंत्रता होनी चाहिए.
मंगलवार को सत्यपाल मलिक ने कहा था कि राहुल गांधी कई शर्तों के साथ घाटी का दौरा करना चाहते हैं.  इससे अशांति बढ़ेगी और लोगों को समस्याएं होंगी. सत्यपाल मलिक ने कहा कि राहुल गांधी कश्मीर मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक के इन आरोपों का बुधवार को राहुल गांधी ने ट्विटर पर जवाब दिया. राहुल ने कहा, 'मलिक जी, मेरे ट्वीट पर आपके जवाब को मैंने देखा. मैं जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने और लोगों से मुलाकात करने के आपके निमंत्रण को स्वीकार करता हूं. इसमें कोई भी शर्त नहीं जुड़ी है. मैं कब आ सकता हूं?'
अब राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर का दौरा कब कर सकते हैं इसका फैसला स्थानीय प्रशासन लेगा और इसकी जानकारी राहुल गांधी को देगा. राजभवन से जारी एक बयान के मुताबिक, " इस वक्त पूरा जम्मू-कश्मीर प्रशासन स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों को लेकर व्यस्त है. राज्यपाल ने इस मामले को स्थानीय प्रशासन के पास भेज दिया है, स्थानीय प्रशासन उचित समय देखकर उन्हें जानकारी देंगे."
इस बीच कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि राज्यपाल द्वारा राहुल गांधी को दिया गया निमंत्रण गंभीर नहीं है. वहीं कांग्रेस नेता सुष्मिता देब ने कहा कि सबसे पहले तो राजनेताओं के बयान पर राज्यपाल को प्रतिक्रिया देनी ही नहीं चाहिए थी. सुष्मिता देब ने कहा कि राज्यपाल अपने न्यौते को लेकर गंभीर नहीं हैं.  

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