महात्मा गाँधी जी की 150 वी जयंती और चरखे के 100 वर्ष पूर्ण होने पर सिग्नेचर फ़ॉर खादी इवेंट का सफल आयोजन।

आईटीएफसी-इनक्रेडिबल ट्रांसफार्मिंग चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा सिग्नेचर फ़ॉर खादी इवेंट का आयोजन किया गया।यह आयोजन महात्मा गांधी की 150 वी जयंती औऱ चरखे के 100 वर्ष पूर्ण होने पर केंद्रित था।

यह आयोजन अशोक होटल में किया गया।इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण देश के सात राज्यों के बुनकरों द्वारा निर्मित खादी के वस्त्रों की प्रदर्शनी थी। खादी के प्रमोशन और उसे एक नया आयाम देने के लिए बुनकरों का बड़ा योगदान है ।बुनकरों को एक बड़ा मंच देने का कार्य  संकल्प फ़ॉर खादी संस्था द्वारा किया जा रहा है।

देश की स्वतंत्रता के इतिहास में खादी की एक अहम भूमिका रही है। खादी वैश्विक स्तर पर हमेशा ही सब को आकर्षित करती रही है।खादी को अहिंसक हथियार बना कर गांधी जी ने  देश की आज़ादी के लिए उपयोग किया और स्वावलंबन का अभूतपूर्वउदाहरण दुनिया के आमने सामने प्रस्तुत किया।

खादी को बदलते हुए समय और आज के परिदृश्य में  एक नई पहचान देना, खादी के वस्त्रों को पहनने के लिए प्रेरित करना और खादी को देश के फैशन फैब्रिक के रूप में  स्थापित करन की बड़ी पहल की शुरुआत करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्यथा। खादी को देश की फ़ैशन फैब्रिक बनाने के लिए  आर एस एस के वरिष्ठ नेता और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री इंद्रेश कुमार जी की घोषणा का सबने स्वागत किया और खादी मवमेंट को विस्तारित करने में सबने सहयोग देने का संकल्प लिया।

सिग्नेचर फ़ॉर खादी के इस इवेंट में 100 से भी अधिक विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने हस्ताक्षर किए। इनमे राजनेता, राजनयिक, खिलाडी, सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार, ब्यूरोक्रेट्स शामिल हुए।
मुख्य अथितियों में सलमान खुर्शीद-राजनीतिज्ञ एवं लेखक, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, रेस्टलर खली, संजना विज-फेमिना मिस इंडिया 2009 की उपविजेता व अन्य हस्तियां शामिल हुई।

कार्यक्रम का एक अन्य आकर्षण रूट्स फ़ॉर खादी था जिसमे अलग अलग राज्यो के बुनकरों द्वारा निर्मित खादी वस्त्रों का प्रदर्शन रैंप वॉक के जरिए किया गया। अलग अलग राज्य के खादी वस्त्रों को उपस्थित आमंत्रित जनो ने पसंद किया। जिनराज्यों के खादी वस्त्रों का प्रदर्शन किया गया उन राज्यों में ओड़ीसा, आसाम, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश और नागालैंड शामिल है।महिला बुनकरों को एक मंच दे कर ,उन्हें प्रोत्साहित करना, रोज़गार के नए अवसर देंना,बुनकरों के जीवन स्तर में  सुधार लाना और खादी वस्त्रों के उत्पादन के लिए बेहतर वातावरण मुहैया करना भी खादी मिशन 

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