Independence Day: मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा 22 स्वतंत्रता सेनानियों वाला ये गांव

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुंगेली जिले का छोटा सा गांव देवरी देश के इतिहास में अपने गौरवशाली कार्य के लिये जाना जाता है. देश को अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से आजादी दिलाने में इस गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों (Freedom fighters) ने अपनर जानों की आहूतियां दीं. आजादी की लंबी लड़ाई लड़ी, बहुत जुल्म सहे तब भारत देश आजाद हुआ. यही कारण है छत्तीसगढ़ में बात आजादी (Independence day) हो तो मुंगेली (Mungeli) के देवरी गांव का जिक्र जरूर होता है. इसके बाद भी इस गांव में जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस गांव को सरकार भूल गई है?

मुंगेली (अविभाजित बिलासपुर जिला) देवरी  गांव में एक दो नहीं बल्कि 22 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी और देश को आजादी दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. भारत छोडो आंदोलन, सविनय अवज्ञा, विदेशी वस्तु बहिष्कार, असहयोग आंदोलन, जंगल सत्याग्रह आंदोलनों में इन्होंने भाग लिया और जेल भी गये. ऐसे ही एक सेनानी की पत्नी सूरजबाई ने बताया कि कैसे उन्होंने आजादी की लड़ाई में साथ दिया और कितनी यातनाये सहीं.

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