वाराणसी में लग रही है पं. दीनदयाल उपाध्याय की सबसे ऊंची प्रतिमा, कहीं खुशी तो कहीं गम

‘सरकार इतना पैसा खर्च करके यहां पर प्रतिमा लगा रही है और पार्क बनवा रही है. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा. यह स्मारक स्थल कपल लोगों को अड्डा बन जाएगा, जैसा रविदास पार्क (वाराणसी के रविदास घाट स्थित पार्क) बन गया है. इससे सिर्फ अय्याशी बढ़ेगी. लोग पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के बारे में जानने के लिए कम और मजे करने के लिए ज्यादा आएंगे.’
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यह कहना है पड़ाव चौराहे पर चिकन और मटन की दुकान पर काम करने वाले मोहम्मद गुड्डू का. गुड्डू बताते हैं कि इस एरिया में कोई भी शौचालय नहीं है. सरकार एक भी शौचालय नहीं बनवा रही है, लड़कियों के लिए कोई स्कूल नहीं है. कोई स्कूल नहीं बन रहा है. सरकार बनवा रही है तो प्रतिमा और पार्क. क्या फायदा ऐसी चीजों का, जिससे कुछ भला ना हो सके.’
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार जनसंघ के संस्थापक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विचारक दीनदयाल उपाध्याय की स्मृतियों को संभाल कर रखने के लिए वाराणसी और चंदौली के बॉर्डर पर स्थित पड़ाव इलाके में गन्ना शोध संस्थान परिसर में पंडित दीनदयाल संग्रहालय और उद्यान केंद्र बनवा रही है. यहां पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 63 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित की जा रही है. इस पूरे प्रोजेक्ट पर तकरीबन 57 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
इसके साथ ही पड़ाव चौराहे का सुंदरीकरण और मालवीय पुल पर दीनदयाल के नाम से प्रवेश द्वार भी बनाए जाएंगे. इसके अलावा 20 करोड़ रुपये से चौराहे से 200 मीटर तक सड़क निर्माण, बैरिकेडिंग, पार्किंग, लाइट सहित संग्रहालय को जोड़ने वाली सभी सड़कों को सुंदर बनाया जाएगा.
गन्ना शोध संस्थान की जमीन पर तालाब, ऑडिटोरियम और संग्रहालय आदि का निर्माण कार्य चल रहा है. दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति को वहां पर स्थापित करने का काम भी काफी तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में अड़चनें भी आ रही हैं. ऑडिटोरियम और बाकी की चीजें बननी हैं. बताया जा रहा है कि 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों किया जाना है.
जयपुर में बनी है पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सबसे ऊंची प्रतिमा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक और विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पांच धातुओं से बनी 63 फीट ऊंची प्रतिमाकरीब 6.50 करोड़ रुपये में जयपुर में तैयार हुई है. प्रतिमा को कई टुकड़ों में 22 फीट चौड़े ट्रेलर पर लादकर इसी महीने जयपुर से वाराणसी लाया गया है. जिसे जयपुर से कानपुर, इलाहाबाद, मोहनसराय होते हुए पड़ाव तक लाया गया है. प्रतिमा लाने के दौरान कंपनी की टीम साथ रही.

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