भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिंदबरम द्वारा धारा 370 हटाने को लेकर दिए एक बयान पर पलटवार किया है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा है, ‘धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने का एकमात्र उद्देश्य जम्मू-कश्मीर का विकास है.’ इसके साथ ही संबित पात्रा ने यह भी कहा, ‘जहां तक कांग्रेस का संबंध है तो बीते 70 सालों के दौरान उसने हर चीज को हिंदू-मुसलमान के दृष्टिकोण से देखने की कोशिश की है. यही वजह है कि धारा 370 के मुद्दे को लेकर भी पी चिदंबरम ऐसा ही रुख अपना रहे हैं.’
संबित पात्रा ने यह बात पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कही. इसके साथ ही उनका यह भी कहना था, ‘कांग्रेस के नेता राजनीतिक फायदे के लिए इस मुद्दे को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं. फिर चाहे वे राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी, दिग्विजय सिंह या कोई अन्य नेता ही क्यों न हो.’ इस मौके पर पात्रा ने जम्मू-कश्मीर को लेकर दिए दिग्विजय सिंह के एक बयान पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा, ‘पूर्व में भी दिग्विजय सिंह राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय अखंडता से मेल न खाने वाली बातें कहते रहे हैं. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सरकार से उसके सबूत मांगकर उन्होंने देश को बांटने की कोशिश की थी. इसके अलावा बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी उनका रुख कुछ वैसा ही रहा था. कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों से पार्टी निराशा झलकती है.’
कश्मीर में शांति के साथ मनाई जा रही ईद, बारामूला की मस्जिद में 10 हजार ने पढ़ी नमाजइससे पहले पी चिदंबरम ने कहा था कि अगर जम्मू-कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो भाजपा कभी ऐसा न करती. वहां धारा 370 को लेकर यह फैसला सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि वह मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. पी चिदंबरम का यह भी कहना था कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी पूर्ण राज्य से उसका दर्जा वापस लेकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर को अस्थिर बताते हुए उन्होंने भारतीय मीडिया द्वारा उसकी कवरेज न किए जाने के आरोप भी लगाए थे. उनका इशारा श्रीनगर के सौरा क्षेत्र की तरफ था जहां शुक्रवार को कथिततौर पर दस हजार लोगों की तरफ से विरोध-प्रदर्शन किए जाने की खबरें आई थीं. बीते हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने उस प्रदर्शन का एक वीडियो भी प्रस्तुत किया था.
उधर, दिग्विजय सिंह ने भी इसी रविवार को धारा 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने जाने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था. तब उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेकर सरकार ने अपने हाथ आग में झुलसा लिए हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से अपील करते हुए उन्होंने उन्हें ‘सतर्क’ रहने की सलाह दी थी. उनका कहना था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो देश कश्मीर को खो देगा.