370 हटाने पर मणिशंकर अय्यर के बोल- कश्मीर को बना दिया फिलीस्तीन

अपने विवादित बयानों से कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा करने वाले पार्टी नेता मणिशंकर अय्यर ने एक और विवादित टिप्पणी की है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने पर प्रतिक्रिया देते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने देश के उत्तरी बॉर्डर पर एक फिलीस्तीन बना दिया है. मणिशंकर अय्यर ने एक अखबार में लिखे एक लेख में कहा है कि मोदी-शाह ने ये पढ़ाई अपने गुरु बेंजामिन नेतान्याहू और यहूदियों से ली है. कांग्रेस नेता ने कहा है कि मोदी और शाह ने इनसे सीखा है कि कश्मीरियों की आजादी, गरिमा और आत्म सम्मान को कैसे रौंदना है?
मणिशंकर अय्यर ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने की तीखी आलोचना की है. एक लंबे लेख में अय्यर ने लिखा है, "नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अभी-अभी हमारे उत्तरी बॉर्डर पर एक फिलीस्तीन बना दिया है, ऐसा करने के लिए उन्होंने पहले घाटी में पाकिस्तानी हमले का झूठा प्रपंच रचा, ताकि 35 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती उस जगह पर की जा सके जहां पहले से ही लाखों जवान मौजूद हैं."
अय्यर ने लिखा है कि इसके बाद हजारों अमरनाथ यात्रियों और सैलानियों को घाटी से जबरन निकाला गया. 400 दुकानदारों को हिरासत में लिया गया. इन्होंने स्कूल-कॉलेज, दुकानें, पेट्रोल पंप, गैस स्टेशन बंद करवा दिये और गहमागहमी से भरा रहने वाला श्रीनगर और घाटी के दूसरे शहर खाली हो गए. घाटी के माता-पिता देश के दूसरे इलाकों में रहने वाले अपने बच्चों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं, संचार के सभी साधन ठप कर दिए गए हैं.
मणिशंकर अय्यर ने अपने लेख फिलीस्तीन का जिक्र किया है और कहा है कि मोदी और शाह ने अपनी शिक्षा अपने गुरु बेंजामिन नेतान्याहू से ली है. कश्मीरियों की आजादी, गरिमा और आत्म सम्मान को कुचलना इन लोगों ने इन्हीं से सीखा है. इजरायल पर भी बरसते हुए अय्यर ने कहा कि 70 सालों से इजरायल भी फिलीस्तिनियों के खिलाफ क्रूर ऑपरेशन चला रहा है. अय्यर लिखते हैं कि पश्चिमी साम्राज्यवाद और यूहदी वार मशीन की बदौलत फिलीस्तिनियों की लड़ाई कुचली गई. लेकिन वे बार-बार उठ खड़े हुए.
मणिशंकर अय्यर लिखते हैं कि मोदी और शाह ने कश्मीरियों को जबरन मिलाकर राइफल और पैलेट गन की शॉट पर 'विकास' का वादा किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर का कहना है कि कश्मीरियों ने इस दासता भरे समृद्धि को अस्वीकार कर दिया है. मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि 1965 में भारत पाकिस्तान के युद्ध में जुल्फीकार अली भुट्टो ने कश्मीर में कुख्यात ऑपरेशन जिब्राल्टर के तहत घुसपैठियों को भेजा था, लेकिन आम कश्मीरियों ने उन्हें बाहर खदेड़ दिया, आज ये कश्मीरी कैसा महसूस कर रहे होंगे कि उनके गले में कैसी आजादी थोप दी गई.
आगे मणिशंकर अय्यर ने लिखा है कि अच्छे दिन के बजाय, संसद ने जो तय किया है वह घाटी में एक लंबी और अंधेरी रात है, और शायद देश के बाकी हिस्सों में भी ऐसा होगा. सांप्रदायिकता को उभारने की कोशिश होगी, राजनीतिक तनाव बढेंगे, आतंकवाद पैदा होगा, सशस्त्र संघर्ष की स्थिति पैदा होगी, गुरिल्ला वार हो सकता है. अंत में अय्यर ने कहा है कि 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में भी यही हुआ था, अब हमलोग भी ऐसी ही एक आपदा अपने सिर पर ला रहे हैं, सावधान रहिए."

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