'नये कश्मीर' को लेकर सरकार का क्या है फ्यूचर प्लान, पीएम नरेंद्र मोदी ने समझाया

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद केंद्र सरकार 'नया कश्मीर' का भविष्य गढ़ने के लिए जुट गई है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर में शिक्षा, आईटी, स्वास्थ्य, टूरिज्म और कृषि में जोरदार निवेश की तैयारी चल रही है. एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अनुच्छेद-370 के हटते ही कई व्यावसायिक घरानों ने श्रीनगर में निवेश करने की इच्छा जताई है.
प्रधानमंत्री ने कहा है कि आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे प्रीमियम संस्थान जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बदल देंगे. प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू में कहा, "आज की दुनिया में आर्थिक विकास एक बंद दायरे में नहीं हो सकता है, खुले दिमाग और खुला बाजार ये सुनिश्चित करेगा कि यहां के युवा राज्य को विकास के पथ पर ले जाएं. इंटीग्रेशन से इनोवेशन, निवेश, और आय बढ़ती है."
पीएम ने कहा कि निवेश के लिए कुछ शर्तें होती हैं जैसे कि स्थायित्व, बाजार तक पहुंच, कानून व्यवस्था जैसी चीजें. नरेंद्र मोदी का कहना है कि अनुच्छेद-370 पर हालिया फैसले की वजह से ये संभव होगा कि ये सभी चीजें राज्य में मौजूद रहें, इसके बाद निवेश का आना निश्चित है. निवेश के लिए यहां संभावनाएं इसलिए भी हैं क्योंकि  इस क्षेत्र में टूरिज्म, कृषि, आईटी, हेल्थ केयर में निवेश की काफी गुंजाइश है. पीएम ने कहा कि इससे एक ऐसा इको सिस्टम पैदा होगा जिससे कुशल लोग, मेहनत करने वाले युवक लाभान्वित होंगे, यहां के उत्पाद की भी मांग बढ़ेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा के बेहतर प्लेटफॉर्म जैसे कि IIT, IIM और AIIMS न सिर्फ यहां के युवाओं को शिक्षा के बेहतर मौके देंगे बल्कि इस क्षेत्र को तकनीक से लैस कुशल वर्कफोर्स भी मिलेगा.
बता दें कि श्रीनगर में आईआईएम जम्मू का कैंपस है. 9 अगस्त को ही इस कैंपस के लिए केंद्र सरकार ने फंड को हरी झंडी दे दी है. मानव संसाधन मंत्रालय ने कैंपस प्रशासन से कहा है कि यहां पर कश्मीरी छात्रों को विशेष तरजीह दी जाए. जम्मू में आईआईटी का कैंपस स्थापित किया गया है. श्रीनगर स्थित एनआईटी कैंपस राज्य के छात्रों को आई सेक्टर के लिए तैयार कर रहा है. इसी साल जनवरी में केंद्रीय कैबिनेट में जम्मू-कश्मीर के लिए दो एम्स को मंजूरी दी है. एक एम्स जम्मू के सांबा में स्थापित किया जाएगा, जबकि दूसरा एम्स कश्मीर के पुलवामा में बनाया जाएगा. केंद्र सरकार उम्मीद है कि इन शिक्षण संस्थानों की बदौलत राज्य सरकार में युवाओं की एक ऐसी फौज तैयार होगी जो जम्मू-कश्मीर के विकास के रास्ते पर ले जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस इंटरव्यू में कहा कि कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट जैसे कि सड़कें, नई रेल लाइनें, एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण पर और भी जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अच्छी संचार और आवागमन की सुविधाओं से जम्मू-कश्मीर के प्रोडक्ट न सिर्फ देश भर में बल्कि विदेशों तक भी आसानी से पहुंच पाएंगे, इससे एक आम कश्मीरी को विकास चक्र में शामिल हो सकेगा. 

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