पालाबदल की तैयारी में कई विधायक, कांग्रेस-झामुमो को लगेगा बड़ा झटका

राजनीति अवसरों का खेल है। यहां समय देखकर शह-मात की परंपरा पुरानी है। जिसका पलड़ा भारी, उसकी तरफ जाने की आपाधापी। कुछ ऐसा ही माहौल बनता दिख रहा है भाजपा के पक्ष में। मौके की ताक में दूसरे दलों के लगभग एक दर्जन विधायक हैं। ये सभी समय देखकर भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। इस भागम-भाग में कांग्रेस और झामुमो को झटका लग सकता है। लोकसभा चुनाव में इन दलों की मिïट्टीपलीद इसकी खास वजह मानी जा रही है।
कांग्रेस के भितरखाने उठापटक से परेशान दो विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। एक उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से आते हैं तो एक संताल परगना से। इन्हें फिलहाल धैर्य रखने को कहा गया है। भाजपा के एक प्रमुख रणनीतिकार के मुताबिक जो लोग संपर्क में हैं, उनके बारे में जमीनी हकीकत और लोगों के बीच उनकी छवि का सर्वे शामिल करने का आधार बनेगा। दल में शामिल होने के लिए कोई शर्त मान्य नहीं होगी।
कांग्रेस सरीखा हाल झामुमो का भी है। लोकसभा चुनाव के दौरान दुमका में झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की हार ने पार्टी को हिलाकर रख दिया है। यह देखकर कई विधायक सुरक्षित आशियाने की तलाश में जुटे हैं। कुछ की तो बातचीत भी पक्की हो चुकी है। बस हरी झंडी मिलने भर की देर है कि ये हरा झंडा छोड़कर तुरंत भगवा का दामन थाम लेंगे। तमाम उठापटक एक पखवारे के भीतर होगी।
गठबंधन भी एक बड़ा कारण
राजनीतिक दलों में भागमभाग की स्थिति की बड़ी वजह विधानसभा चुनाव में गठबंधन भी है। भाजपा आजसू के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरेगी। लोजपा और जदयू का भी सीटों को लेकर दबाव है। लेकिन बात फिलहाल बनती नहीं दिखती। उधर विपक्षी दलों में झामुमो, कांग्रेस, राजद और वामदल एक साथ मिलकर चुनाव मैदान में जाने की जुगत में हैं। ऐसे में अनुकूल सीटों के मुताबिक भी भावी विधायक अपनी रणनीति तय करेंगे और इसी मुताबिक वे पसंदीदा दल का रुख करेंगे।
पसोपेश में भी हैं विधायक
आगामी विधानसभा चुनाव में दलों की च्वाइस भी नेताओं के लिए पहेली बन रही है। मांडू से झामुमो के निलंबित विधायक जयप्रकाश भाई पटेल का हाल भी कुछ ऐसा ही है। जयप्रकाश भाई पटेल ने लोकसभा चुनाव के दौरान बगावत का बिगुल फूंका। वे भाजपा की चुनावी सभाओं में नजर आने लगे। लेकिन उनकी नजर आजसू पर थी। वक्त के साथ-साथ अब उनकी पसंद बदल रही है। मांडू सीट पर गठबंधन की स्थिति में यह सीट भाजपा के पाले में जाएगी। ऐसे में अब भाजपा में शामिल होने का विकल्प भी उनके समक्ष खुला है और वे सही वक्त पर इसका फैसला करेंगे।

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