योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditya Nath) के सियासी करियर में अहम भूमिका निभाने वाली हिंदू युवा वाहिनी (Hindu Yuva Vahini) अब उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सक्रिय भूमिका में नजर आने वाली है. बीते 6 अगस्त को सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर
हिंदू युवा वाहिनी के नेताओं की बैठक में बुलाई थी. बैठक के दौरान सीएम योगी ने वाहिनी के विस्तार पर चर्चा की. हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश संयोजक एवं कार्यकारी अध्यक्ष
राकेश राय ने न्यूज18 से बातचीत में बताया कि अब वाहिनी के कार्यकर्ता योगी सरकार की उपलब्धियों को प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए वाहिनी के कार्यकर्ताओं के लिए वाट्सएप ग्रुप का भी गठन किया गया है.
10-10 हजार पौधे लगाने का लक्ष्यराकेश राय बताते हैं कि हिंदू युवा वाहिनी के संरक्षक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश देते हुए कहा कि अफवाहों पर ध्यान न देते हुए वाहिनी की सभी इकाइयां शहर से लेकर गांव तक में बैठक करके समाज में भेदभाव को दूर करें. हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश संयोजक ने बताया कि गांव-गांव में जाकर कार्यकर्ता वृक्षारोपण को लेकर काम करेंगे. वहीं, प्रदेश के हर गांव में 10-10 हजार पौधा लगाने का लक्ष्य दिया गया है.
हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश संयोजक एवं कार्यकारी अध्यक्ष राकेश राय
वाहिनी कोई राजनीतिक संगठन नहींराकेश राय ने कहा कि हिंदू युवा वाहिनी कोई राजनीतिक संगठन नहीं है. वाहिनी एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है. इसलिए हम लोग समाज के हित के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं और आगे भी इसी तरह से करते रहेंगे.
हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश संयोजक कहते हैं कि कुशीनगर में मुसहर जाति के लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हम लोग काम करने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके राशन कार्ड की व्यवस्था की जाएगी. वहीं, समाज की मुख्यधारा से अलग जो भी जातियां हैं, उनको समाजिक दर्जा दिलाने के लिए हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को लगाया जाएगा. दरअसल, हिंदू युवा वाहिनी सेना के सर्वेसर्वा योगी आदित्यनाथ हैं जो अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं.
हिंदू युवा वाहिनी के संरक्षक सीएम योगी आदित्यनाथ
उग्र हिंदुत्व का पैरोकारफिलहाल डुमरियागंज से भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह को इस नए संगठन का प्रदेश प्रभारी और पीके मल्ल महामंत्री हैं. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हिंदू युवा वाहिनी के तेवर में भी बदलाव आया है. उग्र हिंदुत्व का पैरोकार रहा यह संगठन अब ऐसी कोई गतिविधि संचालित नहीं करना चाहता, जिससे योगी को असहज स्थिति का सामना करना पड़े.
कब हुआ था हिंदू युवा वाहिनी गठनआपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2002 के अप्रैल में रामनवमी के दिन हिंदू युवा वाहिनी सेना का गठन किया था. वहीं, गठन के वक्त योगी ने इसे सांस्कृतिक संगठन बताया था, जिसका मकसद हिंदूविरोधी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को रोकना था. योगी ने हिंदू युवा वाहिनी को गोरखपुर के दायरे से बाहर निकालकर पूरे
पूर्वांचल में इसकी मजबूत नेटवर्किंग की है.