ना ना करते सोनिया गांधी को दे दी गई पार्टी की कमान, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के महीनों बाद तक पार्टी की कमान संभालने को लेकर अनिश्चिता बनी रही. आख़िरकार शनिवार शाम को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने एक बार फिर से सोनिया गांधी के हाथ में कांग्रेस की कमान सौंपने का फ़ैसला किया. सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वह नए अध्यक्ष के चुनाव तक यह जिम्मेदारी निभाएंगी.
सोनिया गांधी ने इससे पहले दिसम्बर 2017 में अपने बेटे राहुल गांधी के लिए अध्यक्ष पद छोड़ दिया था. जिसके बाद राहुल गांधी ने पार्टी की कमान अपने हाथों में ली और लोकसभा चुनाव में मिली हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए 25 मई 2019 को CWC की बैठक में पार्टी पद से इस्तीफ़ा दे दिया. तब से पार्टी के नए चेहरे की तलाश चल रही थी. इसी बीच शनिवार को CWC की बैठक बुलाई गई जहां कमिटी ने पांच समूह बनाए थे. इन सभी समूहों को अलग-अलग प्रदेशों से सुझाव मांगने को कहा गया था.
सभी ने एकमत होकर राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष चुनने को कहा लेकिन राहुल ने स्पष्ट कर दिया कि इस बार अध्यक्ष गांधी परिवार का नहीं होगा. पूरे दिन अगले अध्यक्ष को लेकर माथापच्ची चलती रही, कुछ नेताओं ने परिवार से इतर भी कुछ नाम गिनाए. आख़िरकार पी चिंदबरम ने सोनिया गांधी का नाम अंतरिम अध्यक्ष के लिए सामने रखा. हालांकि सोनिया गांधी ने शुरुआत में इससे मना किया. बैठक में मौजूद प्रियंका गांधी ने भी इस सुझाव से असहमति दिखाई. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस पर आख़िरी निर्णय सोनिया गांधी का ही होगा.
पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी जैसे ही इसका विरोध करने के लिए खड़े हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें बिठा दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों नहीं हो सकता? ‘जब राहुल ख़ुद CWC द्वारा लिए गए फ़ैसले पर अमल के लिए तैयार नहीं है तो मैडम (सोनिया) को यह ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए.’ ज्योतिरादित्य सिधिंया ने कहा. अंबिका सोनी, आशा कुमारी और कुमारी शैलजा जैसी तमाम कांग्रेसी नेताओं ने भी माना कि गांधी परिवार के बिना कांग्रेस को संभाला नहीं जा सकता है. उन्होंने सोनिया गांधी से अपील की कि वो राहुल गांधी से बात कर उन्हें अध्यक्ष बनने के लिए मनाएं लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया.
इन नेताओं ने मनाही के बाद सोनिया गांधी से कहा कि अगर राहुल गांधी से बात हो ही नहीं सकती तो फिर आपको ही पार्टी की ज़िम्मेदारी संभालनी होगी. पार्टी सदस्यों द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद 72 वर्षीय सोनिया गांधी मान गईं. वो इससे पहले भी लगभग 20 सालों तक पार्टी की कमान संभाल चुकी हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी जब तक नई टीम का गठन नहीं करती हैं AICC के किसी भी पदाधिकारी को नहीं बदला जाएगा.

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