इंदौर में रतलाम राजवंश की संपत्ति पर पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह का दावा खारिज

पूर्व केंद्रीय गृह व रक्षा राज्यमंत्री अलवर के भंवर जितेंद्र सिंह ने इंदौर में 11 ओल्ड पलासिया स्थित रतलाम राजघराने के दुर्गा ज्योति पैलेस व अन्य संपत्ति पर अपना दावा जताते हुए जिला व सत्र न्यायालय में परिवाद दायर किया था, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है। रतलाम राजघराने के पूर्व महाराज स्व. लोकेंद्रसिंह व रानी प्रभा का विधिक उत्तराधिकारी बताते हुए उन्होंने संपत्ति का मालिक घोषित करने की मांग परिवाद में की थी। इंदौर के अलावा रतलाम स्थित रणजीत िवलास पैलेस, लोकेंद्र भवन, डोसीग्राम स्थित कृषि भूमि पर भी पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपना हक जताया था।
परिवाद में उन्होंने रतलाम घराने से संबद्ध लक्ष्मी राठौर (फिलहाल जर्मनी में), अजीतसिंह शक्तावत, किशोर मेहता, इंदौर व रतलाम के कलेक्टर को पक्षकार बनाया था। रतलाम घराने की ओर से अधिवक्ता पंकज खंडेलवाल ने पैरवी की। सिंह ने दावे में उल्लेख किया है कि रतलाम घराने की तमाम संपत्ति के वे विधिक उत्तराधिकारी हैं। दोनों जिलाें के कलेक्टर को आदेश देकर संपत्ति का उत्तराधिकारी घोषित करवाया जाए, ताकि वे देखभाल कर सकें।
रतलाम राजवंश की दलील- इस कोर्ट को सुनवाई का अधिकार ही नहीं
अधिवक्ता खंडेलवाल ने इस पर आपत्ति लेते हुए कहा कि इस न्यायालय को यह परिवाद सुनने का अधिकार ही नहीं है। मूल रूप से यह मामला रतलाम से जुड़ा है। जबकि वहां कोई कानूनी कार्रवाई परिवादी ने की ही नहीं है। विधिक उत्तराधिकारी होने का भी कोई प्रमाण परिवादी ने पेश नहीं किया है। शासन के समक्ष अपनी बात रखे बगैर परिवाद पेश कर दिया गया। न्यायालय ने इन तर्कों को सुनने के बाद पूर्व मंत्री सिंह का परिवाद खारिज कर दिया।

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